नई दिल्ली। जिस तरह दूल्हे की बारात आती है, ठीक उसी प्रकार वधुपक्ष के लोग बारात आने से पहले एक कार्यक्रम करते हैं जिसमें दुल्हन को घोड़े पर बिठाकर पूजन कराने ले जाया जाता है और परिवारजन बारातियों की तरह उत्सव मनाते हुए नाचते हैं। इसे 'बिंदोली' कहते हैं। राजस्थान के चित्तौड़गढ़-प्रतापगढ़ नेशनल हाईवे 113 पर सोमवार रात 8.30 बजे 'बिंदोली' में नाच रहे लोगों को ट्रक ने कुचल दिया। हादसे में 13 लोगों की मौत हो गई, दुल्हन समेत 19 जख्मी हैं। उन्हें उदयपुर रैफर किया गया है। इनमें से कुछ की हालत गंभीर है।
ढाई घंटे बाद द्वार पर आने वाली थी बारात
चित्तौड़गढ़ जिले में आकोला से सटे ईंटाली से बारात आ रही थी। द्वार पर बारात रात 11 बजे पहुंचनी थी। हादसे के बाद उसे रास्ते से ही लौटा दिया गया। एमबी अस्पताल में अपने पिता का इलाज करा रहे हरिराम ने बताया कि बिंदोली में 100 से 150 लोग थे। गाड़ियां आसानी से निकल सकें, इसलिए हम हाईवे पर एक तरफ ही चल रहे थे। तभी पीछे से तेज रफ्तार ट्रक आया और लोगों को कुचलता हुआ चला गया। हरीराम के पिता गंभीर घायल हैं, वे फिलहाल एमबी अस्पताल में वेंटीलेटर पर है। 15 साल की रंजना की हालत भी गंभीर बताई जा रही है।
एसपी अनिल कुमार बेनिवाल के मुताबिक, हादसा थाना क्षेत्र छोटीसादड़ी से सात किलोमीटर दूर रामदेवजी के पास हुआ। गाड़ोलिया लोहार समाज के लोग लड़की को घोड़ी पर बैठाकर बिंदाेली (वधू पक्ष का कार्यक्रम) निकाल रहे थे। तभी ट्रक ने उन्हें कुचल दिया। हादसे के बाद ट्रक चालक फरार हो गया।
दुल्हन का भाई डरकर घर भाग गया
दुल्हन रेखा के मामा के बेटे बापूलाल ने बताया, ‘‘मैं भी बहन रेखा की बिंदोली में शामिल था। हम रेखा को घोड़ी पर बैठाकर नाचते-गाते रामदेवजी के मंदिर जा रहे थे। हम मंदिर से करीब 500 मीटर दूर ही थे कि तेज रफ्तार ट्रक लोगों को कुचलता हुआ निकल गया। पीछे देखा तो लाशें बिखरी पड़ी थीं। कुछ लोग आखिरी सांसें गिन रहे थे। यह देखकर मैं तो बुरी तरह डर गया। भागकर अपने दो बच्चाें और भाई के पास गया और उनके साथ घर चला गया।’’