नई दिल्ली। व्यस्त जीवन में हम खुद के लिए समय ही नहीं निकाल पाते हैं. हम हर काम का तनाव लेते-लेते डिप्रेशन ( Depression ) का शिकार हो जाते हैं. इसके बाद डिप्रेशन से मुक्ति पाने के लिए तरह-तरह की दवाइयों का सेवन ( Consumption of medicines ) करते हैं. बता दें, इन दवाइयों की जगह अगर आप दिन में सिर्फ 15 मिनट जॉगिंग ( Jogging ) करेंगे या कुछ और शारीरिक व्यायाम ( Physical exercise ) करेंगे, तो आपको डिप्रेशन की समस्या नहीं होगी. ऐसा हम नहीं, बल्कि एक नई स्टडी की रिपोर्ट में बताया गया है.
एक स्टडी में ये पता चला है कि अगर हम लोग सिर्फ 15 मिनट जॉगिंग करेंगे तो डिप्रेशन होने का खतरा काफी कम हो जाएगा. अगर जॉगिंग नहीं, तो कुछ और शारीरिक व्यायाम करना जरूरी है. इस स्टडी के मुख्य शोधकर्ता डा. डेविड ( Dr. David ) कहते हैं ' जब भी हमारे पास कोई मरीज डिप्रेशन की शिकायत लेकर आता है, हम उन्हें दवाई की जगह थोड़ा टहलने, गार्डनिंग करने के लिए प्रेरित करते हैं.' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि 15 मिनट की जॉगिंग या कुछ और शारीरिक काम के बाद हमारा हार्ट 50 प्रतिशत और तेज पंप करना चाहिए. डेविड इसे स्वीट स्पॉट कहते हैं. उदाहरण के लिए अगर एक्सरसाइज ( exercise ) से पहले आपकी हार्ट रेट 60 थी, तो एक्सरसाइज के बाद ये 90 हो जानी चाहिए.
आपको बता दें, 611,583 लोग इस स्टडी का हिस्सा थे. उनमे से कुछ लोगों को एक्सेलेरोमीटर पहनाए गए थे, वहीं कुछ ने अपने फिजिकल वर्क की सेल्फ रिपोर्टिंग की थी. इस एक्सपेरिमेंट से ये समझ में आया कि जिन लोगों ने एक्सेलेरोमीटर ( Accelerometer ) पहने थे और एक्सरसाइज भी की थी, उनमे डिप्रेशन का खतरा कम था उन लोगों के तुलना में जिन्होंने एक्सेलेरोमीटर नहीं पहने थे. स्टडी से ये भी साफ हो गया है कि आपके डीनए (DNA) का डिप्रेशन से कोई लेना देना नहीं है.
अगर आपके माता पिता को डिप्रेशन की समस्या है भी, तो इसका मतलब ये नहीं कि आप भी उससे ग्रसित हो जाएंगे. अगर आप अपनी सेहत का ख्याल रखेगें और 15 मिनट जॉगिंग या कुछ और शारीरिक काम करेंगे तो आपको डिप्रेशन होने का खतरा कम है.
जानकारी के लिए बता दें, डिप्रेशन अमेरिका, यूके और भारत में एक प्रमुख समस्या के रुप में उभरा है और इससे काफी लोग पीड़ित है. अकेले अमेरिका में 16 मिलियन से ज्यादा लोग डिप्रेशन से पीड़ित है.