भोपाल। बेरोजगारी ( Unemployment ) से परेशान होकर मुख्यमंत्री से मिलने ग्वालियर से भोपाल पहुंचे दो दिव्यांग युवकों ( DivyangaYouth ) ने मंत्रालय के अंदर जहर खा लिया। युवकों के बचाओ-बचाओ चिल्लाने के बाद मंत्रालय की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों ने जहांगीराबाद पुलिस को बुलाकर दोनों को गंभीर हालत में हमीदिया अस्पताल ( Hamidia Hospital ) पहुंचाया। दोनों की हालत खतरे के बाहर बताई जाती है, हालांकि डॉक्टरों ने उन्हें 72 घंटे अपनी निगरानी में रखा है।
घाटीगांव क्षेत्र के पुलकापुरा निवासी 28 वर्षीय रामनिवास पुत्र स्वर्गीय गिरिवर सहरिया और 30 वर्षीय सुल्तान पुत्र दीवान रोजगार के लिए लंबे समय से प्रयास कर रहे थे। परिजनों का आरोप है कि बार-बार आवेदन देने के बाद भी स्थानीय स्तर पर उनकी सुनवाई नहीं हो रही थी। पिछले साल प्रदेश सरकार ने दिव्यांगों के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाया था। रामनिवास ने इसके लिए आवेदन भी किया था, लेकिन उसे अपात्र घोषित कर दिया था। उसके बाद दोनों स्थानीय स्तर पर शासन की योजनाओं का लाभ लेकर स्वरोजगार शुरू करना चाहते थे, लेकिन इसमें भी उन्हें कोई मदद नहीं मिल सकी। चलने-फिरने में लाचार दोनों युवक इंट्री कराने के बाद मंत्रालय की बिल्डिंग में चले गए।
पुलिस के पहरे में हो रहा इलाज, हर चार घंटे में बन रही मेडिकल रिपोर्ट
जहर खाने वाले दोनों युवकों का इलाज अस्पताल के मेडिकल वार्ड-2 में पुलिस के पहरे में किया जा रहा है। साथ ही मेडिकल वार्ड-2 के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. एके श्रीवास्तव ने बताया कि दोनों युवकों का इलाज विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में किया जा रहा है। उनकी सेहत में हो रहे बदलावों की अपडेट रिपोर्ट 4-4 घंटे के अंतर से बनाई जा रही है।