भोपाल। उत्तरप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए महाहड़ताल शुरू कर दी है। 20 लाख कर्मचारी हड़ताल पर हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार ने एस्मा लगा दिया, फिर भी हड़ताल जारी है। जबकि मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन के लिए कुछ चुनिंदा कर्मचारी संगठनों ने केवल ज्ञापन दिए हैं। मध्यप्रदेश के कर्मचारी दिल्ली में हुए प्रदर्शन में भी प्रभावी संख्या में शामिल नहीं हुए।
12 फरवरी तक चलेगी हड़ताल
कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी पुरानी पेंशन बहाली मंच ने हड़ताल में करीब 150 संगठनों के 20 लाख कर्मचारियों व शिक्षकों के शामिल होने का दावा किया है। मंच के संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि 12 फरवरी तक चलने वाली सात दिन की हड़ताल के शुरुआती दिनों में बिजली व स्वास्थ्य सेवाओं को अलग रखा जाएगा, लेकिन आखिरी दिनों में सभी आवश्यक सेवाएं भी ठप कर दी जाएंगी।
हड़ताल से पीछे हटने वाले नहीं कर्मचारी
मंगलवार को लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जिलों में ‘एक ही मिशन-पुरानी पेंशन’ की तख्तियां लेकर बाइक रैली निकाली और दफ्तरों का भ्रमण कर कर्मचारियों से हड़ताल में शामिल होने का आह्वान किया। हड़ताल के लिए नेताओं का संकल्प देख दोपहर तक तय हो गया कि सरकार चाहे जो रोक लगाए, लेकिन हड़ताल निश्चित रूप से की जाएगी।
शासन-प्रशासन भी तैयार
इस हड़ताल को लेकर शासन ने एस्मा लगाने के साथ ही कार्यवाही के निर्देश भी जारी कर दिए हैं कि किस स्थिति में कैसा कदम उठाया जाना चाहिए। मंगलवार देर रात मुख्य सचिव ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से अधिकारियों के साथ हड़ताल से निपटने पर विमर्श किया। अधिकारियों ने हड़ताल का असर न पड़ने देने की तैयारी की है।
हड़ताल के लिए सरकार जिम्मेदार
पुरानी पेंशन बहाली मंच के अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा व संघर्ष समिति के चेयरमैन शिवबरन सिंह यादव ने कहा कि कर्मचारियों ने इस मामले में सरकार को भरपूर समय दिया, लेकिन शासन में बैठे अधिकारियों की निष्क्रियता से कोई निर्णय नहीं हो सका है। हड़ताल के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कर्मचारी नेताओं ने कहा कि हक मांगने के लिए आंदोलन हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है, सरकार एस्मा लगाकर इसका दमन नहीं कर सकती।
नई पेंशन योजना में अंशदान बढ़ाएगी राज्य सरकार
उत्तरप्रदेश राज्य सरकार नई पेंशन योजना (एनपीएस) में अपना अंशदान बढ़ाएगी। एनपीएस में राज्य सरकार का अंशदान 10 से बढ़ाकर 14 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है, जिसे कैबिनेट बैठक में मंजूरी दी जा सकती है। एनपीएस पहली अप्रैल 2005 से लागू है। इसके तहत कर्मचारियों के 10 प्रतिशत वेतन की हर महीने पेंशन के लिए कटौती होती है। इतना ही योगदान राज्य सरकार भी करती है। केंद्र ने नई पेंशन योजना के तहत अपने योगदान में चार फीसद का इजाफा किया है। केंद्र की तर्ज पर राज्य सरकार भी अब ऐसा करने जा रही है। वर्ष 2005 से अब तक राज्य के हिस्से का जो अंशदान नहीं जमा हुआ है, उसे भी सरकार ब्याज समेत जमा कराने का प्रस्ताव है।