सागर। मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले में पदस्थ पटवारी आशाराम वंशकार भ्रष्टाचार का दोषी प्रमाणित हुआ है। विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम डीके मित्तल ने पटवारी आशाराम वंशकार को पांच हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
जिला अभियोजन अधिकारी आरसी चतुर्वेदी ने बताया कि प्रकरण में फरियादी मोहनगढ़ के दरगायकलां निवासी भगवानदास कुशवाहा ने लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक को 19 जनवरी 2014 को लिखित शिकायत की थी। कि मेरे द्वारा खरीदी गई जमीन का सीमांकन, बंटवारा तथा तरमीन होना है। जिसका आवेदन मैं पूर्व में दे चुका हूं और चालान भी कटवा लिया है, लेकिन पटवारी आशाराम वंशकार मेरा काम नहीं कर रहा है।
मुझसे इस काम के एवज में पांच हजार रुपए की रिश्वत की मांग कर रहा है। 17 जनवरी को लोकायुक्त द्वारा दिया गया वायस रिकार्डर लेकर पहुंचे फरियादी ने पटवारी आशाराम वंशकार से बात की और पांच हजार में काम करने के लिए सहमत हो गया। जिसकी पूरी बातचीत की रिकार्डिंग लोकायुक्त को सौंप दी। इसके बाद 18 जनवरी को फरियादी भगवानदास को लोकायुक्त द्वारा 4 नोट एक-एक हजार रुपए तथा दो नोट पांच-पांच सौ के लेकर आरोपी पटवारी को देने उसके निवास स्थान हाउसिंग बोर्ड मोहनगढ़ पहुंचाया।
रिश्वत की राशि पटवारी को दी और फरियादी के इशारा करते ही ट्रेप दल ने आकर पटवारी को घेर लिया। उसके हाथ धुलवाए तो घोल का रंग गुलाबी हो गया, आरोपी पटवारी से रिश्वत की राशि एवं मामले से संबंधित दस्तावेज जब्त किए गए। विवेचना के बाद अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। विचारण के बाद पटवारी आशाराम वंशकार हल्का नंबर 11 दरगाय कलां तहसील मोहनगढ़ को रिश्वत मांगने के अपराध में धारा 7 में 4 वर्ष का सश्रम कारावास एवं तीन हजार रुपए का अर्थदंड लगाया। वहीं अपराध धारा 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में 5 पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं तीन हजार रुपए का अर्थदंड लगाया।