जयपुर। गुर्जर आरक्षण आंदोलन के बीच आंदोलनकारियों ने राजस्थान के कई हिस्सों में बवाल किया। रविवार को धौलपुर जिले में आगरा-मुरैना हाईवे को बंद करने के मकसद से वे बीच सड़क पर बैठ गए। यहां हिंसक प्रदर्शन हुआ, 6 पुलिस कर्मचारी घायल हुए। उधर, बैंसला मलारना में मुंबई-दिल्ली रेल ट्रैक जाम करके पिछले तीन दिनों से धरने पर हैं। इस आंदोलन के कारण कई ट्रेनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लगा है। कोटा डिवीजन की 55 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है वहीं 18 ट्रेनों के रूट में बदलाव किया गया है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि आंदोलन के कारण उदयपुर से हजरत निजामुद्दीन और हजरत निजामुद्दीन से उदयपुर के बीच चलने वाली रेलगाड़ी को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं इसी खंड में 7 ट्रेनों के मार्ग में बदलाव किया गया है और 2 ट्रेनों को आंशिक रूप से रद्द किया गया है। शनिवार को राजस्थान सरकार ने बैंसला से बातचीत के लिए मंत्रियों के प्रतिनिधिमंडल को भेजा था। इसमें मंत्री बिश्वेन्द्र सिंह भी शामिल थे। उन्होंने बैंसला को कहा कि आप 10 लोगों के एक समूह को भेजिए जिससे सरकार बात कर सके।
लेकिन विश्वेन्द्र सिंह मंत्री ने सरकार के इस प्रस्ताव को मानने से इनकार कर दिया और यह बैठक बेनतीजा रही। बैंसला ने बिश्वेन्द्र सिंह के माध्यम से सरकार के सामने अपनी मांग रखी और कहा कि बातचीत के लिए सरकार को पटरी पर ही आना होगा। शुक्रवार शाम को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में प्रवेश में 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर गुर्जर नेता सवाईमाधोपुर के मलारना डूंगर में रेल पटरी पर बैठ गए। इसके बाद से पूरे राजस्थान में गुर्जर आंदोलन फैला।