जयपुर। आरक्षण की मांग कर रहे गुर्जर समाज का आंदोलन हिंसक हो गया। धौलपुर में गुर्जरों ने नेशनल हाईवे 3 जाम कर दिया। यह देश के सबसे प्रमुख नेशनल हाइवे में से एक है जहां 1 घंटा जाम पर 10 हजार से ज्यादा वाहन प्रभावित होते हैं। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो प्रदर्शनकारियों ने पहले पथराव शुरू किया, फिर फायरिंग कर दी। इसमें 6 पुलिस कर्मचारी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने हाइवे पर वाहन भी फूंक डाले।
ट्रेन रूट जाम था, अब हाईवे भी जाम / The train was root jam, now the highway also jammed
पत्रकार श्री चंद्रशेखर शर्मा, अश्विनी शर्मा, जसवंत सिंह सिसोदिया एवं सुरेश योगी की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ट्रेनों की पटरियों पर बैठना ठीक नहीं। आंदोलन शांतिपूर्वक ढंग से चलाना चाहिए, जबकि धौलपुर में असामाजिक तत्व इसमें शामिल हो गए। आंदोलन के तीसरे दिन रविवार को आंदोलनकारियों ने नेशनल हाईवे 148 डी को बूंदी, भीलवाड़ा, गुलाबपुरा जाम कर दिया। सोमवार को प्रदर्शनकारी सिकंदरा में हाइवे पर जाम लगा सकते हैं। सवाई माधोपुर के मलारना डूंगर में रेल पटरियों पर आंदोलनकारी बैठे हुए हैं। शनिवार को सरकार की तरफ से पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह व कोऑपरेटिव रजिस्ट्रार नीरज के पवन गुर्जरों को मनाने मलारना ट्रैक पहुंचे, लेकिन वार्ता विफल हो गई। गुर्जर आंदोलन के कारण कई ट्रेनें रद्द की गईं तो कुछ को रूट बदला गया। गुर्जर आरक्षण सघर्ष समिति जिलाध्यक्ष राधाकृष्ण पोसवाल ने बताया कि सोमवार से जिले में गुर्जर समाज दूध सप्लाई बंद करेगा।
करौली-हिंडौन हाइवे लगातार जाम
सवाईमाधोपुर के मलारना में दिल्ली-मुंबई रेल ट्रैक के अलावा करौली-हिंडौन हाइवे रविवार को भी जाम रहा। उदयपुरवाटी में कोटपूतली-जयपुर स्टेट हाईवे पर जाम रविवार को खोल दिया गया। यहां गुर्जरों ने शनिवार को जाम लगाया था। मलारना में दिल्ली-मुंबई रेल ट्रैक पर रविवार को बड़ी संख्या में महिलाएं पहुंचीं। गुर्जर नेता किरोड़ीसिंह बैसला ने रविवार को दोहराया कि सरकार से बात रेलवे ट्रैक पर ही होगी। इससे पहले उन्होंने कहा कि सरकार बिना मसौदे के वार्ता के लिए आई थी। जब तक 5 प्रतिशत आरक्षण, क्रीमीलेयर की सीमा 8 लाख रु. करने व पिछली भर्तियों का बैकलॉग से भरी जाने की मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा। पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने जल्द समाधान की बात कही।
गुर्जर समाज की मांग / Demand for Gujjar society
गुर्जर समाज की मांग है कि सरकार सभी प्रक्रिया पूरी करके पांच प्रतिशत आरक्षण बैकलॉग के साथ दे। इससे पहले 24 सितंबर 2015 को विधानसभा में एसबीसी विधेयक पारित हुआ था। राज्य सरकार ने 16 अक्टूबर 2015 को नोटिफिकेशन जारी करते हुए इसे लागू किया। ये 14 महीने चला और 9 दिसंबर 2016 को हाईकोर्ट ने खत्म किया। अब सुप्रीम कोर्ट में मामला चल रहा है।
गुर्जर आंदोलन: अब तक क्या क्या हुआ / Gujjar agitation: What has happened so far
2006 : गुर्जरों को एसटी में शामिल करने की मांग पर पहली बार आंदोलन हुआ। हिंडौन में पटरियां उखाड़ी गईं।
नतीजा : भाजपा सरकार ने इस मामले में एक कमेटी बनाई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
21 मई 07 : पीपलखेड़ा पाटोली में राजमार्ग रोका। 28 लोग मारे गए।
नतीजा : भाजपा सरकार से समझौता। चौपड़ा कमेटी बनी। कमेटी ने गुर्जरों को एसटी आरक्षण के दर्जे के लायक नहीं माना।
23 मई 08 : पीलुकापुरा ट्रैक पर बयाना में रेल रोकी। 7 लोग मारे गए। दूसरे दिन सिकंदरा में हाईवे जाम, 23 लोग मारे गए।
नतीजा : भाजपा सरकार में 5% एसबीसी आरक्षण पर सहमति। हाईकोर्ट में अटका।
24 दिसंबर 2010 : पीलुकापुरा में रेल रोकी गई।
नतीजा : कांग्रेस सरकार से 5% आरक्षण पर समझौता। मामला कोर्ट में था। ऐसे में 1% आरक्षण दिया। इससे ज्यादा पर कुल आरक्षण 50% से ज्यादा हो रहा था।
21 मई 15 : पीलुकापुरा बयाना में आंदोलन।
नतीजा : भाजपा सरकार ने गुर्जर सहित 5 जातियों को 5% एसबीसी आरक्षण दिया। कुल आरक्षण 54% हुआ। हाईकोर्ट की रोक। अब 1% आरक्षण मिल रहा है।
754 में से 614 केस वापस ले लिए गए
13 साल में गुर्जर आरक्षण आंदोलन में 754 केस दर्ज हुए। इनमें से 105 कोर्ट में हैं। 35 मामलों की पुलिस जांच कर रही है। 614 केसों में या तो एफआर लग गई या केस वापस लिए गए।