डी के सिंगौर। ट्रायवल विभाग में शासकीय सेवक के रूप में मप्र जन जातीय एवं अनुसूचित जाति (शिक्षण संवर्ग) सेवा तथा भर्ती नियम 2018 के अंतगर्त नियुक्त किये गए अध्यापकों को सातवें वेतनमान का लाभ देने संबंधी आदेश जन जातीय कार्य विभाग ने जारी कर दिया है।
राज्य अध्यापक संघ की मंडला जिला इकाई अध्यक्ष डी के सिंगौर ने बताया कि न्यायालयीन प्रकिया के चलते यह कार्रवाई तेज हुई है। मण्डला जिले के अध्यापकों द्वारा दायर याचिका पर कोर्ट सख्त हुई है। 13 फरवरी को माननीय उच्च न्यायालय की डिवीजनल बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि अगली सुनवाई के पहले जवाब नहीं दिया तो जवाब देने का अधिकार जब्त किया जायेगा। सरकारी वकील ने जवाब पेश करने के लिए 2 सप्ताह की मोहलत मांगी है। जिला शाखा अध्यक्ष ने बताया कि कोर्ट में जवाब पेश करने के लिए ट्रायवल के उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए भी सरकार को पदोन्नति के नियम बनाने होंगे।
उन्होने बताया कि म.प्र. जन जातीय एवं अनुसूचित जाति (शिक्षण संवर्ग) सेवा तथा भर्ती नियम 2018 में 7वें वेतनमान के लाभ और उच्च माध्यमिक शिक्षक की पदोन्नति नियम के उल्लेख न होने से अनुच्छेद 14 का सीधा उल्लंघन में रहा है। उल्लेखनीय है कि जिले के अध्यापकों ने याचिका लगाकर 7वां वेतनमान, उच्च माध्यमिक शिक्षक की पदोन्नति का उल्लेख न होने, पूर्व के वेतनमान भत्ते का हकदार न होने जैसी कण्डिका के शामिल रहते विकल्प पत्र भराने की कण्डिकओ को डीवीजनल बेंच में चुनौती दी थी । बाद में शिक्षा विभाग के अध्यापकों की ओर से दायर याचिकाओं को भी लिंक कर सुनवाई चल रही है। शिक्षा विभाग की याचिका पर जवाब पेश हो गया है।