महोदय जी, अतिथि शिक्षकों द्वारा गुरूजी की तर्ज पर नियमितिकरण की मॉंग की जा रही हैं गुरूजी का स्थायीकरण सहायक शिक्षक पद पर किया गया था। प्रदेश में जारी पूर्व राजपत्र में सहायक शिक्षक रिक्त पदों की संख्या 1 लाख से ऊपर बतायी गयी थी। उस आधार पर शासन चाहे तो 2005, 08, 11 व्यापमं पास 5-10 वर्ष सेवा दे चुके अतिथि शिक्षकों को जो कि डीएड, बीएड है एवं व्यापम उत्तीर्ण करने के बाद भी अप्रशिक्षित होने से नियुक्ति से वंचित रहें हैं उनको व्यापमं की पूर्व परीक्षा के आधार पर सहायक शिक्षक नियुक्त कर सकती है व वर्तमान में दो वर्षों तक उनको 10000 रूपये वेतन दे सकते हैं जिससे शासन पर अधिक वित्तीय भार भी नहीं आएगा व इन अतिथि शिक्षकों व उनके परिवारों का भविष्य भी सुरक्षित होगा।
वही वर्तमान भर्ती परीक्षाओं में 25% पद अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित हैं ही इससे बहुत से अतिथि शिक्षक सेवा में आ जाएगे व बाकी अतिथि शिक्षक जो कि 2005, 8, 11 व्यापमं पास है व प्रशिक्षित हो चुके हैं उनको 5-10 वर्ष की सेवा के बाद स्थायी पद मिलेगा तो उनका भी शासन पर विश्वास बढ़ेगा व कहीं न कहीं इनके नियमितिकरण की शुरूआत भी होगी। इसके उपरांत जो अतिथि शिक्षक बचेंगे शासन उनकी भी विभागीय परीक्षा लेकर नियमितिकरण कर सकता है व वर्ग 1 और 2 पर नियुक्ति के उपरांत बचे हुए शेष पदों पर शासन अतिथि शिक्षकों से सेवा लेता रहे व उनको भी व्यापम या विभागीय परीक्षा द्वारा स्थायी कर सकता है।
इसके लिए 3 सत्र सेवा का जो प्रावधान है उसे बनाये रखे बाकी पदों पर फ्रेशर को भी सहायक शिक्षक बनने का मौका मिल सकेगा क्योंकि प्रदेश में तीन सत्र वाले प्रशिक्षित अतिथिशिक्षक नियुक्त होने के उपरांत भी हजारों पद रिक्त रहेंगे जिन पर नये आवेदक नियुक्ति प्राप्त कर सकेगें वर्तमान में शासन चाहे तो 5-10 बर्ष से सेवा दे रहे 2005,8,11 व्यापम पास प्रशिक्षित अतिथिशिक्षकों को सहायक शिक्षक पद पर नियुक्ति देकर अतिथिशिक्षक नियमितिकरण की दिशा में कार्यवाही कर सकता हैं जो कि इनके साथ न्याय होगा व प्रदेश में चली आ रही बेरोजगारी का कुछ हद तक निदान भी होगा साथ ही इनकी मॉंग भी गुरूजी की तर्ज पर नियमितिकरण की हैं जिनको सहायक शिक्षक पद ही दिया गया था। इसी तरह से अन्य राज्य भी अस्थायी शिक्षकों का नियमितिकरण कर रहें है उत्तरप्रदेश में शिक्षामित्रों को भी पात्रता परीक्षा पास करने के उपरांत 25 अंक अधिकतम अनुभव के भारांक देकर स्थायी किया जा रहा है व उन्हें परीक्षा के दो अवसर दिए गए थे।
सादर धन्यवाद
आपका शुभेच्छु
आशीष बिलथरिया