नई दिल्ली। शीर्ष उपभोक्ता फोरम ने SBI को एक रक्षाकर्मी की विधवा की रोकी हुई मासिक पारिवारिक पेंशन ( Family pension ) जारी करने के निर्देश दिए हैं। फोरम ने बैंक की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए कहा कि बेटे गलती के कारण PENSION पर रोक लगाना गलत है। बेटे की गलती की सजा मां को नहीं दी जा सकती।
एक रक्षाकर्मी की पत्नी मणिका सरकार को उनकी पति की मौत के बाद पेंशन मिल रही है। बेटे सुमन कल्याण सरकार के साथ उसका SBI में संयुक्त बैंक खाता है। उसी में पेंशन आती थी। सुमन कल्याण एसबीआई का कर्मचारी है। महिला की शिकायत के अनुसार, सुमन पर धन की हेराफेरी के आरोप के कारण बैंक ने खाता फ्रीज कर उसे पेंशन से वंचित कर दिया। पेंशन उसकी जीविका का एकमात्र स्रोत था।
इस पर राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC) की पीठ ने कहा कि महिला का बैंक खाता फ्रीज करना और उसे पेंशन की राशि देने से इनकार करना सेवा में कमी का मामला है। पीठासीन सदस्य अनूप के ठाकुर और सदस्य सी विश्वनाथ की पीठ ने पश्चिम बंगाल में नदिया की एसबीआई शाखा को महिला मणिका सरकार की रोकी हुई पेंशन जारी करने का निर्देश दिया। एनसीडीआरसी ने बैंक की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए कहा कि मणिका सरकार की पेंशन पर रोक लगाना बैंक का गलत कदम है। इस तरह बेटे की गलती की सजा उन्हें मिल रही है।