BANK FD के फायदे क्या हैं, क्या ये SIP से बेहतर है | INVESTMENT PLAN

Bhopal Samachar
ज्यादातर अनुभव लोग बैंक एफडी ( BANK FD ) की सलाह देते हैं परंतु कार्पोरेट कंपनियां ( Corporate companies ) और कुछ विशेष तरह से बनाए गए विज्ञापन आपको इन दिनों म्यूचुअल फंड-एसआईपी ( Mutual Funds-SIP ) की तरफ लुभा रहे हैं। 40 साल से अधिक आयुवर्ग के ज्यादातर लोग अपनी बचत और निवेश ( Savings and investment ) के मामलों में विज्ञापनों को ध्यान से देखते तो हैं परंतु भावों में आकर पैसा नहीं लगाते परंतु 30 वर्ष से कम आयुवर्ग के ज्यादातर लोग विज्ञापन में कही गई बातों को ही सही मान लेते हैं। आइए यहां आपको बताते हैं बैंक एफडी के फायदे क्या हैं, क्या ये एसआईपी (SIP ) से बेहतर है: 

जोखिम रहित निवेश / Risk-free investment

एफडी (FD ) का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आपको निवेश की शुरुआत में ही बता दिया जाता है कि मैच्यूरिटी पर आपको कितना फायदा होगा। इसमें कोई जोखिम नहीं है। किसी भी स्थिति में न तो उससे ज्यादा पैसा मिलता है और न ही कम।

टैक्स में छूट / Tax rebate

5 साल के लिए एफडी करवाने पर आपको आयकर में भी छूट मिलती है। इसमें जमा मूलधन के साथ ही ब्याज पर भी आपको कोई टैक्स नहीं देना होता। हालांकि यदि आपकी एफडी पर किसी एक वित्तीय वर्ष में कमाया गया ब्याज 10 हजार रुपए से ज्यादा है तो उस पर 10 फीसदी के हिसाब से टीडीएस कटेगा। उस पर भी यदि आपने पैन (परमानेंट अकाउंट नंबर) प्रोवाइड नहीं किया हुआ है, तो 20 फीसदी की दर से टैक्स काटा जा सकता है।

लांग टर्म निवेश में सबसे बेहतर / Long term investment is the best

दावा किया जाता है कि शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, यूपीआई, गोल्ड ईटीएफ में आपको एफडी से ज्यादा रिटर्न मिलता है लेकिन उसमें जोखिम पैसा कम होना का जोखिम भी बना रहता है। इन स्क्रिप्ट्स में आपको फायदा ही होगा इस बारे में कोई गारंटी नहीं ले सकता। अगर आप लांग टर्म निवेश की बात करते हैं तो एफडी आपके लिए एक बेहतर विकल्प है।

एफडी पर भी लोन मिलता है / Loan is also available on FD

अगर आपको धन की तत्काल आवश्यकता है तो आप एफडी पर लोन ले सकते हैं। सहूलियत के अनुसार आप इसका भुगतान कर सकते हैं। आपको ब्याज तो देना होगा पर एफडी बच जाएगी और उस पर ब्याज भी मिलेगा।

बैंक एफडी कभी भी तोड़ सकते हैं / Banks can break the FD at any time

अगर आप लोन नहीं लेना चाहते हैं तो कभी भी बैंक जाकर एफडी तोड़ सकते हैं। अगर आप एक निश्चित अवधि के बाद एफडी तुड़वाते हैं तो बैंक आपको मूल रकम पर ब्याज भी अदा करते हैं। सामान्यत: 45 दिनों से पहले एफडी तुड़वाने पर आपको ब्याज नहीं मिलता है।

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