सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने दावा किया कि गूगल पर ‘बेस्ट टॉयलेट पेपर इन द वर्ल्ड’ सर्च करने पर पाकिस्तान के झंडे की फोटो आ रही है। ट्विटर पर इसे लेकर #besttoiletpaperintheworld भी ट्रेंड कर रहा है। लोग सर्च रिजल्ट के स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद देशभर में गुस्सा है। ऐसे में हर तरफ पाकिस्तान पर कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है। हो सकता है कि किसी ने गूगल बॉम्बिंग के जरिए गूगल सर्च रिजल्ट से छेड़छाड़ की कोशिश की हो।
क्या होती है गूगल बॉम्बिंग?
एथिकल हैकर कनिष्क सजनानी ने बताया, ‘"गूगल पर रोजाना लाखों पेजों की इंडेक्सिंग की जाती है। जब भी आप गूगल पर कोई की-वर्ड सर्च करते हैं तो गूगल अपने पेज रैंक एल्गोरिदम के जरिए उस की-वर्ड से जुड़े रिजल्ट दिखाता है। अब अगर कोई संगठन या लोग ऐसी साजिश करते हैं, जिससे किसी एक की-वर्ड को सर्च करने पर कोई खास फोटो या वेबसाइट सबसे ऊपर दिखे तो इसे गूगल बॉम्बिंग या गूगल वॉशिंग कहा जाता है।’’
पाकिस्तान का झंडा क्यों दिखा
पुलवामा हमले के बाद गुस्से में किसी संगठन या कई लोगों ने मिलकर 'बेस्ट टॉयलेट पेपर इन द वर्ल्ड' की-वर्ड के साथ पाकिस्तान के झंडे की फोटो का इस्तेमाल किया होगा। इसी की-वर्ड के साथ बार-बार पाकिस्तान के झंडे का इस्तेमाल होने से गूगल के एल्गोरिदम की वजह से ऐसा दिखाया जा रहा है। इसी के जरिए गूगल सर्च रिजल्ट को प्रभावित करने की कोशिश की गई होगी।
गूगल खुद सर्च रिजल्ट से छेड़छाड़ नहीं कर सकता
गूगल पर इडियट सर्च करने पर डोनाल्ड ट्रम्प की फोटो दिखाए जाने पर अमेरिकी सीनेटर ने गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से जवाब मांगा था। इस पर पिचाई ने कहा था, "गूगल सर्च का रिजल्ट अरबों की-वर्ड्स की रैंकिंग के आधार पर आता है। ये रैंकिंग रिलिवेंस और पॉपुलैरिटी जैसे 200 कारणों पर तय होती है।" उन्होंने यह भी कहा था कि गूगल सर्च रिजल्ट से छेड़छाड़ करना खुद गूगल या गूगल के कर्मचारी के लिए संभव नहीं है। उन्होंने बताया था कि सर्च रिजल्ट एल्गोरिदम से दिए जाते हैं, न कि गूगल कर्मचारियों से।"