भोपाल। भाजपा की शिवराज सिंह चौहान ( SHIVRAJ SINGH CHOUHAN ) सरकार में मंत्री रहे लालसिंह आर्य के सिर पर एक बार फिर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। कांग्रेस विधायक माखनलाल जाटव की हत्या के मामले की सुनवाई अब भोपाल में होगी। हाईकोर्ट ने यह फैसला दिया है। कोर्ट ने फैसले में कहा है कि पूरी ट्रायल फिर से नहीं होगी। जहां तक ट्रायल चल चुकी है भोपाल कोर्ट में उसी के आगे सुनवाई चलेगी। कोर्ट ने पूर्व में आर्य के खिलाफ कोई वारंट जारी किया है तो वह भी यथावत रहेगा। कोर्ट के इस फैसले के बाद आर्य की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
13 अप्रैल 2009 को गोहद के छरेंटा गांव में कांग्रेसी विधायक माखनलाल जाटव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने गार्ड की शिकायत पर नारायण शर्मा सहित कुछ लोगों के खिलाफ हत्या की धारा में केस दर्ज किया था। फरियादी पक्ष ने कोर्ट में आवेदन देकर तत्कालीन मंत्री लालसिंह आर्य को आरोपित बनाने की गुहार लगाई थी। कोर्ट ने इस आवेदन को स्वीकारते हुए आर्य को आरोपित बनाते हुए उनका वारंट जारी कर दिया था। इस बीच मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। सीबीआई की जांच के पूरी होने के पहले ही मामले में भिंड की स्पेशल कोर्ट में कुछ आरोपितों के खिलाफ चालान भी पेश हो गया। बाद में यह पूरा मामला ही भिंड कोर्ट को रैफर कर दिया गया।
CBI ने इसके खिलाफ इंदौर हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा था कि मामले को भिंड कोर्ट रैफर नहीं किया जा सकता क्योंकि सीबीआई के मामले इंदौर में सुने जाते हैं। सीबीआई ने मामले में जांच भी पूरी कर ली है। कोर्ट ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। सीबीआई की याचिका लंबित रहने के दौरान भी भिंड कोर्ट में मामले में ट्रायल चलती रही।
हाल ही में हाई कोर्ट ने इस फैसले को जारी किया है। कोर्ट ने पूरे मामले को भोपाल की स्पेशल कोर्ट को रैफर कर दिया है। CBI की तरफ से पैरवी करने वाले एडवोकेट दीपक रावल ने बताया कि फैसले में कोर्ट ने कहा है कि विधायक, मंत्रियों के खिलाफ प्रकरण की सुनवाई के लिए भोपाल में स्पेशल कोर्ट बन चुकी है।
इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी हो चुका है। इसलिए आर्य के खिलाफ हत्या के मामले में सुनवाई भोपाल की स्पेशल कोर्ट में ही होगी। एडवोकेट रावल ने बताया कि कोर्ट ने फैसले में स्पष्ट किया है कि इस मामले में अब तक जितनी भी ट्रायल हो चुकी है वह शून्य नहीं होगी। ट्रायल जहां हैं भोपाल की स्पेशल कोर्ट में वहीं से आगे बढ़ेगी। पूर्व में कोई वारंट जारी हुआ है तो वह भी यथावत रहेगा।
न मंत्री न विधायक, फिर भी सुनवाई भोपाल में
कोर्ट के फैसले के बाद इस बात पर भी बहस शुरू हो गई है कि आर्य वर्तमान में न विधायक हैं न मंत्री। ऐसे में उनके खिलाफ स्पेशल कोर्ट में ट्रायल कैसे चलाया जा सकता है। नोटिफिकेशन के मुताबिक भोपाल में जो स्पेशल कोर्ट बनाई गई है उसमें मंत्री और विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों में सुनवाई होती है।