भोपाल। मध्य प्रदेश सेन समाज के समस्त संगठन के पदाधिकारियों की बैठक आज दिनाक 10-2-2019 को भोपाल के चिनार पार्क में सेन समाज संयुक्त मोर्चा बनाये जाने को लेकर बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे श्री आनंदीलाल सेन, श्री आनन्द बंदेवार की उपस्थिति में श्री शिवकुमार सेन के प्रस्ताव पर श्री हीरालाल श्रीवास को संयुक्त मोर्चा का अध्यक्ष चुना गया। इस बैठक में मुख्य रूप से प्रांतीय सेन समाज संगठन, मध्य प्रदेश सेन समाज संगठन, युवा सेन समाज संगठन, सेन सविता समाज संगठन, विंध्य सेन समाज संगठन आदि संगठनो के पदाधिकारी उपस्थित हुए। संयुक्त मोर्चा के नेतृत्व में कार्य करने की सहमति प्रदान की।
समाज का प्रारंभ
344 ई. पू. में सम्राट महापद्यनन्द ने नन्द वंश की स्थापना की। सम्राट महापदम नंद को भारत का प्रथम ऐतिहासिक चक्रवर्ती सम्राट होने का गौरव प्राप्त है। सम्राट महापदम नंद को केंद्रीय शासन पद्धति का जनक भी कहा जाता है । पुराणों में इन्हें महापद्म तथा महाबोधिवंश में उग्रसेन कहा गया है। यह नाई जाति से थे।
सम्राट महापद्म को एकराट, सर्व क्षत्रान्तक, एक छत्र पृथ्वी का राजा, भार्गव आदि उपाधियों से विभूषित किया गया है। महापद्म नन्द के प्रमुख राज्य उत्तराधिकारी हुए हैं- उग्रसेन, पंडूक, पाण्डुगति, भूतपाल, राष्ट्रपाल, योविषाणक, दशसिद्धक, कैवर्त, धनानन्द। सम्राट घनानंद के शासन काल में भारत पर सिकन्दर आक्रमण द्वारा किया गया। लेकिन मगध के सम्राट धनानंद की विशाल सेना के आगे सिकंदर नतमस्तक हो गया और लौट जाने में ही अपनी भलाई समझी। सम्राट महापद्मनन्द पहले शासक थे जिन्होंने गंगा घाटी की सीमाओं का अतिक्रमण कर विन्ध्य पर्वत के दक्षिण तक विजय पताका लहराई थी।