श्रीमान मैं आपके माध्यम से बताना चाहता हूं कि शिवपुरी में कोई स्थाई DEO ना होने के कारण पिछले एक वर्ष से डिप्टी कलेक्टर को डीईओ चार्ज दिया जा रहा है। पहले डिप्टी कलेक्टर श्री प्रजापति जी के पास DEO चार्ज था जो एक बेहद सज्जन और संवेदनशील अधिकारी थे। उनके स्थान्तरण के बाद दूसरे डिप्टी कलेक्टर सिन्डोसकर को DEO चार्ज दिया गया। जब से श्री सिन्डोसकर को प्रभार प्राप्त हुआ है तब से शिवपुरी में शिक्षा विभाग भगवान भरोसे हो गया है।चूंकि सिन्डोसकर साहब को शिक्षक वर्ग से एलर्जी है अतः वो किसी भी शिक्षक या प्राचार्य से आफिस में मिलना और बात करना पसंद नहीं करते इसी का परिणाम है कि कोई भी डर के कारण उनके आफिस नहीं जाता।
वर्तमान प्रकरण शिक्षकों के वेतन से जुड़ा है और बेहद संवेदनशील मामला है। शिवपुरी के कोलारस ब्लॉक के बीईओ श्री अटरिया पिछले एक माह से मेडिकल अवकाश पर हैं। चूंकि वे वेतन और संवितरण अधिकारी भी हैं इस कारण उनके हस्ताक्षर के बिना ब्लॉक के शिक्षा विभाग के किसी भी कर्मचारी का वेतन नहीं निकल सकता। ब्लॉक के लगभग 2000 कर्मचारियों का वेतन आहरण रुका हुआ है। इस संबंध में ब्लॉक के लिपिकों द्वारा श्रीमान प्रभारी डीईओ महोदय की ओर नोट शीट बना कर प्रस्तुत की गई थी ताकि आहरण अधिकार उत्कृष्ट विद्यालय कोलारस के प्राचार्य को प्रदान कर दिया जाए और कर्मचारियों को वेतन प्राप्त हो सके। परंतु आज सात दिन के बाद भी श्रीमान डीईओ महोदय ने नोट शीट पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं जिससे कर्मचारियों का वेतन रुका पड़ा है। हस्ताक्षर न करने की कोई विशेष वजह नहीं है केवल अहंकार के सिवा। चूंकि वे डिप्टी कलेक्टर है इसलिए छोटे मोटे बाबू और शिक्षकों से मिलना और उनकी समस्या को सुनना और उसका हल करना उन्हें पसंद नहीं है।
श्रीमान मैं आपके माध्यम से बताना चाहता हूं क्या डीईओ महोदय का वेतन भी ऐसे ही रुक जाए तो चलेगा क्या? हो सकता है चल जाए पर शिक्षक अपनी हर जरूरत को पूरा करने के लिए मात्र अपने वेतन पर ही निर्भर है। कृपया उसके साथ संवेदनहीनता ना दिखाएं।
मेरी नज़र में तो आप भाग्यशाली हैं जो आपको शिक्षा विभाग जैसे पवित्र उद्देश्य वाले विभाग का मुखिया बनने का अवसर प्राप्त हुआ, इस अवसर का लाभ उठाएं और अपने को सौम्य स्वभाव का बनाते हुए सभी शिक्षकों के मन मे अपनी छाप हमेशा के लिए बनाएं जैसे पूर्व प्रभारी डीईओ श्री प्रजापति जी ने किया था। वर्ना अधिकारी तो आते जाते रहते हैं। कोई याद किया जाता है अपनी अच्छाई के लिए और किसी की उसके बुरे कर्मों के लिए चर्चा की जाती है। श्रीमान संपादक महोदय आपसे निवेदन है इस मामले को अपने स्तर से उठाएं ताकि शिक्षकों को उनका वेतन प्राप्त हो सके।
वेतन के इंतजार में
शिक्षा से जुड़े 2000 कर्मचारी