2014 से हर दिन “प्रतिदिन” आपको मिलता है। आज सुबह भी मिला, होगा। आज यह दूसरा और “आपात-प्रतिदिन” है। इससे पहले कभी आपात-प्रतिदिन नही लिखा गया। आज यह अपील के रूप में आपके सामने है, अपील है, देश के साथ खड़े होने की, अनुशासन में । जाने- अनजाने में आप कहीं आप ऐसा तो कुछ नहीं कर रहे जो देश की सुरक्षा पर भारी पड़े। अपने उत्साह, गुस्से पर संयम बरते, यह संयम ही देश की सेवा होगी और आपका राष्ट्र के प्रति आपका समर्पण।
1. सबसे पहले फेसबुक,ट्विटर और व्हाट्स एप का उपयोग करने से पहले दो बार यह सोचे कि आप जो कर रहे है वो कितना जरूरी है और कितना देश हित में है ? आपके द्वारा उत्साह में खींचे गये चित्र वो संदेश तो नहीं दे रहे जो किसी और द्वारा आपके देश के खिलाफ इस्तेमाल किये जा सकते हो | किसी भी चित्र से कोई भी संवेदनशील स्थान खोजा जा सकता है।
2. सीमा पर जाते सैन्य और अर्ध सैन्य बल साहस जरुर बढाये, परन्तु उनका कोई चित्र न खींचे कम से कम मोबाईल से तो बिलकुल नहीं | ये चित्र घातक हो सकते हैं
3. घायल सैनिकों और शहीद सैनिक के परिवार की पूरी मदद करें पर इसके प्रचार से बचें | यह प्रचार-लोभ देश हित में नहीं है|
4. स्थानीय, प्रादेशिक और राष्ट्रीय मीडिया पर उस बहस से बचें जो आपको उत्तेजना में डाले और आप ऐसा कुछ कह बैठे जिसके परिणाम ठीक न हों |
5. आप किसी भी राजनीतिक विचारधारा से सम्बन्ध रखते हों| अभी, सिर्फ वे विचार ही व्यक्त करें जो राष्ट्र की सुरक्षा को मजबूत करें | देश नहीं होगा तो विचारधारा का क्या करोगे ?
6. किसी भी प्रकार की जमाखोरी न करें न उसे प्रश्रय दें | कुछ समाज विरोधी इस स्थिति का अनुचित लाभ उठाने की कोशिश करते हैं |
7. अपने क्षेत्र के स्थानीय प्रशासन के सम्पर्क में रहे उनके निर्देशों का पालन करें | सुरक्षा सम्बन्धी नियमों का पालन करें और प्रशासन को सहयोग करें |
8. आतंकवाद के विरुद्ध इस रण के दौरान विभिन्न प्रकार की अफवाहें स्वार्थी तत्व फैला सकते हैं उनके बहकावे में न आयें |
9. मीडिया की सूचनाओ पर प्रतिक्रिया व्यक्त करने से पहले विवेक का इस्तेमाल करें |
10. राष्ट्र प्रथम का भाव रखकर हर काम को करें| सच्चे सैनिक सीमा पर और सच्चे नागरिक जहाँ भी होते है इमानदारी से देश के लिए ही खड़े होते है|
जय हिन्द
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श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।