भोपाल। कांग्रेस पार्टी की कमलनाथ सरकार ने मनरेगा की तर्ज पर शहरी बेरोजगार युवाओं को 100 दिन रोजगार की गारंटी वाली युवा स्वाभिमान योजना तो लांच कर दी लेकिन बेरोजगारों में खास उत्साह नहीं है। 14 फरवरी तक पूरे प्रदेश में मात्र 15000 युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया।
कम रजिस्ट्रेशन का मुख्य कारण सरकार द्वारा दिया जाना वाला पारिश्रमिक है। सरकार इन्हें 133 रुपए रोज के हिसाब से साल में अधिकतम 12 हजार रुपए देगी। दूसरी तरफ कलेक्टर रेट हर जिले में 246 रुपए से 364 रुपए तक रोज का तय है। यह पारिश्रमिक अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल एवं उच्च कुशल दैनिक वेतनभोगियों के लिए तय है। शहरी बेरोजगारों का कहना है कि शिक्षित होने के बावजूद 133 रुपए प्रतिदिन में कौन काम करेगा। इससे तो प्राइवेट नौकरियां ज्यादा उचित हैं। बता दें कि 2 लाख रुपए से कम आय वाले अशिक्षित बेरोजगार भी दैनिक मजदूरी करके प्रतिदिन 300 रुपए कमा रहे हैं।
रजिस्ट्रेशन www.yuvaswabhimaan.mp.gov.in या फिर संबंधित मोबाइल एप डाउनलोड कर किए जा सकेंगे। जो प्रदेश के शहरी क्षेत्र के निवासी हैं, जिनकी उम्र 1 जनवरी 2019 को 21 से 30 साल के बीच है, जिनके परिवार की सालाना आय 2 लाख से कम अर्थात 547 रुपए रोज से कम हो और जो महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के जॉब कार्डधारी न हों वे ही पात्र होंगे।
रजिस्ट्रेशन के बाद 21 फरवरी को संबंधित निकाय SMS से सूचना देकर आवेदक को बुलाएंगे। इनकी पांच मार्च तक 43 में से कोई पसंद की ट्रेड में ट्रेनिंग होगी। इसके बाद 90 दिन तक 4 घंटे काम और 4 घंटे ट्रेनिंग चलेगी। जो काम मिलेगा, उसमें 33% और ट्रेनिंग में 70% हाजिरी जरूरी है। निकाय 43 ट्रेड में काम देंगे, इसकी सूची पोर्टल पर उपलब्ध है। इनमें संपत्तिकर, जलकर वसूली, स्वच्छता संबंधी काम के अलावा मरम्मत, सर्वे के काम शामिल हैं। इनमें से ही कोई तीन काम बेरोजगारों को चुनने होंगे।