नरसिंहपुर। सरकार की विशेष योजना के तहत अपर कलेक्टर गांव के दौरे पर आता और शिक्षित युवकों को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन, इंटरव्यू व नियुक्तियां भी वहीं पर देता। सरकारी नौकरी के बदले वो 1.50 लाख रुपए रिश्वत भी मांगता था। उसने कई लोगों को नियुक्ति पत्र दिए। अभ्यर्थी जब ज्वाइन करने कलेक्टर कार्यालय आए तो पता चला कि नियुक्ति पत्र फर्जी है, फिर ज्ञात हुआ कि अपर कलेक्टर भी फर्जी है।
पुलिस के अनुसार विक्रम नामक एक शख्स ने रिपोर्ट दर्ज करवाई कि एक व्यक्ति ने उसे अपर कलेक्टर नरसिंहपुर के नाम से कलेक्ट्रेट की कंप्यूटर शाखा में नौकरी का फर्जी नियुक्ति पत्र दिया है, जिसके लिए उससे 90 हजार रुपये लिए हैं। ASP राजेश तिवारी ने बताया कि अपर कलेक्टर के नाम से फर्जी नियुक्ति पत्र देने का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने जांच की, जिसमें सामने आया कि नरसिंहपुर में करीब 8 युवाओं को इस प्रकार के फर्जी लेटर मिले हैं।
जांच के बाद पुलिस ने आरोपी अजमेर कांवरे को गिरफ्तार कर लिया। एएसपी तिवारी के अनुसार आरोपी 90 से डेढ़ लाख रुपये लेकर बेरोजगार युवाओं को कलेक्ट्रेट में नौकरी का झांसा देता और जिला अपर विकास कलेक्टर के नाम से फर्जी नियुक्ति पत्र देता था। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ कर रही है और मामले की जांच जारी है।