भोपाल। राज्य शासन द्वारा हर वर्ष 20 होनहार विद्यार्थियों का चयन कर उन्हें विदेश में 2 वर्ष के स्नातकोत्तर और शोध पाठ्यक्रम के लिये 40 हजार डॉलर प्रति वर्ष की छात्रवृत्ति प्रदान की जायेगी। इसमें छात्रवृत्ति के रूप में वार्षिक 38 हजार डॉलर के साथ 2 हजार डॉलर किताबों, आवश्यक उपकरण, टंकण, शोध प्रबंध की बाइडिंग सहित अन्य खर्चों को शामिल किया गया है।
योजना शैक्षणिक सत्र 2019-20 से लागू करने का निर्णय लिया गया है। मध्यप्रदेश के ऐसे मूल निवासी प्रतिभावान स्नातक एवं स्नातकोत्तर विद्यार्थी, जिन्होंने 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किये हैं, अब विदेश में उच्च शिक्षा के लिये आवेदन कर सकते हैं। छात्रवृत्ति के ऑफलाइन आवेदन सम्पूर्ण दस्तावेजों के साथ 10 फरवरी तक आमंत्रित किये गये हैं।
छात्रवृत्ति के लिये आवश्यक अर्हताएँ / The necessary qualifications for scholarship
विदेश अध्ययन के लिये आवेदक विद्यार्थी को यू.जी./पी.जी. में 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा। छात्रवृत्ति के लिये स्नातकोत्तर विद्यार्थी की आयु 25 वर्ष तथा शोध उपाधि के लिये 35 वर्ष निर्धारित है। आवेदक के माता-पिता, अभिभावक, अभ्यर्थी की पत्नी/पति की समस्त स्रोतों से कुल वार्षिक आय 5 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिये। अभ्यर्थी को जीआईई, जीएमएटी, टीओएफईएल, आईईएलटीएस की अर्हता प्राप्त करना अनिवार्य होगा। चयन समिति द्वारा मेरिट तथा शॉर्टलिस्ट प्रत्याशियों के साक्षात्कार के आधार पर विद्यार्थियों का चयन किया जायेगा।
आवेदक विद्यार्थी ऐसे देश में स्थित मान्यता प्राप्त संस्थान में अध्ययन जारी रख सकेंगे, जिनके साथ भारत सरकार के राजनयिक संबंध हैं। योजना में उल्लेखित पाठ्यक्रम के लिये विद्यार्थियों को स्वयं प्रयास करने होंगे। विद्यार्थियों को उस देश का वीजा स्वयं प्राप्त करना होगा, जहाँ वह अध्ययन के लिये जा रहे हैं। वीजा जिस देश के लिये प्राप्त किया जायेगा, उसमें यह स्पष्ट उल्लेख होना चाहिये कि आवेदक विद्यार्थी अध्ययन के उद्देश्य से वीजा प्राप्त कर रहा है। छात्रवृत्ति, छात्र वीजा (स्टूडेंट वीजा) के आधार पर ही जारी की जायेगी।
उच्च शिक्षा अध्ययन के देश / Countries of higher education studies
विदेश में उच्च शिक्षा अध्ययन के लिये विद्यार्थी ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, डेनमार्क, फिनलैण्ड, फ्रांस, हांगकांग, आयरलैण्ड, जापान, दक्षिण कोरिया, नीदरलैण्ड, न्यूजीलैण्ड, नार्वे, रशिया, सिंगापुर, स्विटजरलैण्ड, ताईवान, यू.के. तथा अमेरिका की निर्धारित शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश ले सकते हैं।