हमारे स्वास्थ्य का केंद्र हमारा पेट होता है, अच्छी सेहत के लिए अच्छे पाचन तंत्र (Digestive System ) का होना आवश्यक ही नहीं अनिवार्य है। जो भोजन हमारा शरीर पचा नहीं पाता वह शरीर को फायदा पहुंचाने के बजाए नुकसान पहुंचाता है। पेट की गड़़बडिय़ों का असर अन्यय तंत्रों पर ही नहीं अंगों पर भी पड़ता है, इसमें हमारा हृदय, मस्तिष्क, इम्यून सिस्टम(( Immune system ), त्वचा, भार, शरीर में हार्मोनों का स्तर आदि सम्मिलित हैं। पेट की गड़बडिय़ों के कारण पोषक तत्वों का अवशोषण प्रभावित होने से लेकर कैंसर ( CANCER ) विकसित होने की आशंका भी बढ़ जाती है।
नई दिल्ली के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी ( Gastroenterology ) डा.वी के गुप्ता (Dr.V. K. Gupta )का कहना है कि जब पाचन तंत्र ठीक से काम नहीं करता तो खाने को उस रूप में परिवर्तित नहीं कर पाता जिस रूप में शरीर उसे ग्रहण कर सके। कमजोर पाचन तंत्र से शरीर का इम्यून सिस्टम गड़बड़ा जाता है और शरीर में विषैले तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है, इसलिए ऐसे लोग बार-बार बीमार पड़ते हैं। कब्ज, गैस की समस्या, गैस्ट्रो इसोफैगल रिफ्लक्सक डिसीज ( GERD ), गैस्ट्रोएंट्राइटिस, पेट फूलना, कोलाइटिस, डायरिया ( Constipation, gas problem, gastro isophagal reflux disease (GERD), gastroenteritis, flatulence, colitis, diarrhea ) आदि।
डा.वी के गुप्ता के अनुसार निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे कि अधिक तला-भुना और मसालेदार भोजन न करें। तनाव भी कब्ज-का एक प्रमुख कारण है इसलिए तनाव से दूर रहने की हर संभव कोशिश करें। शारीरिक रूप से सक्रिय रहें। नियमित रूप से एक्सरसाइज और योग करें। कब्ज पेट में गैस बनने का एक कारण है जितने लंबे समय तक भोजन बड़ी आंत में रहेगा उतनी मात्रा में गैस बनेगी। खाने को धीरे-धीरे और चबाकर खाएं। दिन में तीन बार मेगा मील खाने की बजाए कुछ-कुछ घंटों के अंतराल पर मिनी मील खाएं। खाने के तुरंत बाद न सोएं। थोड़ी देर टहलें। इससे पाचन भी ठीक होगा और पेट भी नहीं फूलेगा।
अपनी बॉयोलाजिकल घड़ी को दुरस्ती रखने के लिए एक निश्चित समय पर खाना खाएं। मौसमी फल और सब्जियों का सेवन करें। चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक का इस्तेमाल कम करें। जंक फूड और स्ट्रीट फूड न खाएं। संतुलित भोजन करें। धुम्रपान और शराब से दूर रहें। अपने भोजन में अधिक से अधिक रेशेदार भोजन को शामिल करें। प्रतिदिन सुबह एक गिलास गुनगुने पानी का सेवन करें। सर्वागसन, उत्तानपादासन, भुजंगासन जैसे योगासन करने से पाचन संबंधी विकार दूर होते हैं और पाचन तंत्र मजबूत होता है।