भोपाल। एम्स की नौकरी छोड़कर मध्यप्रदेश की आदिवासी राजनीति में कूदे एमबीबीएस डॉक्टर हिरा अलावा को कांग्रेस से विधानसभा का टिकट तो मिला लेकिन कमलनाथ सरकार में मंत्री पद नहीं मिला। इसलिए हिरा अलावा ने एक बार फिर जयस का झंडा उठा लिया है। लोकसभा चुनाव से पहले ललकार लगा रहे हैं। दावा किया है कि वो 6 सीटों पर प्रत्याशी उतारेंगे, 2 सीटों के नाम भी घोषित कर दिए।
बता दें कि हिरा अलावा विधानसभा चुनाव से पहले तक मध्य प्रदेश के क्रांतिकारी आदिवासी युवा नेता थे। माना जा रहा था कि वो आदिवासियों के जीवन में बदलाव लाने के लिए काम कर रहे हैं और दूसरे आदिवासी नेताओं की तरह आदिवासियों की भीड़ जमा करके पॉलिटिकल फायदा नहीं उठाएंगे। हिरा अलावा ने भी भाजपा ज्वाइन करने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था। 80 सीटों पर जयस के उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया था लेकिन फिर बात बदल गई। चुनाव पूर्व कांग्रेस से गठबंधन के लिए सप्ताह भर दिल्ली पड़े रहे और फिर खुद कांग्रेस प्रत्याशी बनकर लौट आए। हालांकि हिरा अलावा चुनाव जीत गए परंतु अब वो जयस विधायक नहीं बल्कि कांग्रेस विधायक हैं।
महत्वाकांक्षा ने मान घटाया
हिरा अलावा के लिए लोगों में अब वो सम्मान शेष नहीं रहा जो चुनाव से पहले था। मीडिया के लिए अब वो एक मसाला हैं। लोकसभा चुनाव से पहले हिरा अलावा ने कमलनाथ सरकार पर एक बार फिर दवाब बनाना शुरू कर दिया है। अलावा के संगठन जयस ने आने वाले लोकसभा चुनाव मे मध्यप्रदेश की 6 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। जिसमें से 2 सीट धार और खरगोन पर प्रत्याशी भी घोषित कर दिए हैं। ईटीवी से बात करते हुए हिरा अलावा पहले तो गुर्राकर बोले: वह अपने दम पर यहां तक पहुंचे हैं। उन्हें पार्टी की कोई चिंता नहीं है। उनके लिए संगठन से बड़ा कोई नहीं है। फिर सौदेबाजी का संकेत देते हुए कहा: अभी सारे बातचीत के दरवाजे खुले हैं। जयस उस राजनीतिक दल का साथ देगा, जो संगठन की बात मानेगा। अब देखना यह है कि सीएम कमलनाथ और कांग्रेस हिरा अलावा को गंभीरता से लेते भी हैं या...।