नई दिल्ली। अक्सर विवाद के बाद कहा जाता है कि मिस्टर एक्स ने मिस्टर वाई को देख लेने की धमकी दी है लेकिन गुजरात हाईकोर्ट ने एक विवाद की सुनवाई के दौरान फैसला दिया कि 'देख लेने की बात करना' धमकी की श्रेणी में नहीं आता। यह अपराध नहीं हो सकता। इसके लिए सजा नहीं दी जा सकती।
उत्तर गुजरात के अधिवक्ता मोहम्मद मोहसीन छोलोतीया वर्ष 2017 में जेल में बंद अपने मुवक्किल से मिलने गये थे। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मचारियों से उनकी तीखी बहस हुई ती। अधिवक्ता मोहम्मद मोहसीन ने पुलिस को कोर्ट में देख लेने की बात कही थी। जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ सरकारी काम में बांधा डालने और ड्यूटी पर एक पुलिस कर्मी को धमकी देने संबंधित एफआईआर दर्ज की थी।
गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधिश ए.एस. सुपेहिया ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मै तुम्हें देख लूंगा यह धमकी नही मानी जा सकतीं है। इससे किसी प्रकार का डर नहीं पैदा होता है। इसे अपराधिक धमकी नहीं कहा जा सकता है। न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए अधिवक्ता पर की गई एफआईआर रद्द कर दी।