भोपाल। आतंकी खतरे के चलते 2010 में मणिपुर-त्रिपुरा से मध्यप्रदेश भेजे गए 2001 बैच के आईएएस मोहनलाल मीणा अब मध्यप्रदेश से वापस जाना ही नहीं चाहते। उन्हे 3 साल के लिए भेजा गया था परंतु वो 9 साल से लगातार यहां रह रहे हैं। इस बीच उन्होंने अपना कैडर चेंज कराने की कोशिश भी की लेकिन सफल नहीं हो पाए। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के निर्देश पर मध्यप्रदेश सरकार ने मीणा को रिलीव कर दिया। अब उन्होंने मुख्य सचिव HR मोहंती को चिट्ठी लिखकर कहा है कि उन्हे मणिपुर नहीं जाना, मध्यप्रदेश में ही रहने दिया जाए।
मणिपुर में आतंकी संगठन की धमकी के बाद ही केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय (डीओपीटी) ने केरल, बिहार और मप्र का विकल्प देने के बाद मीणा को मप्र में प्रतिनियुक्ति पर तीन साल के लिए भेजा था। यह प्रतिनियुक्ति जून 2010 से शुरू हुई थी। तीन वर्ष की अवधि पूरी हुई तो फिर मणिपुर सरकार ने रिपोर्ट दी कि खतरा बरकरार है। इसके बाद मीणा कैट भी चले गए कि प्रतिनियुक्ति की जगह उनका कैडर बदल दिया जाए। यही स्थिति अभी तक चल रही थी, लेकिन कैट ने फैसले का निराकरण करते हुए डीओपीटी ने निर्देश जारी कर दिए कि उन्हें मूल कैडर में लौटा दिया जाए।
यह निर्देश 31 जनवरी 2019 को जारी हुए, लेकिन इससे 10 दिन पहले ही 21 जनवरी को मणिपुर सरकार ने रिपोर्ट दी कि मीणा को खतरा बरकरार है। न ही मप्र सरकार ने इसे देखा और न ही केंद्र ने। अब मीणा ने रिलीव का आदेश मिलने के चंद घंटे बाद दोबारा मुख्य सचिव एसआर मोहंती को चिट्ठी लिखी और मणिपुर सरकार की रिपोर्ट का हवाला दिया।