इंदौर। कहते हैं शिक्षा जिंदगी बदल देती है, आज फिर एक सशक्त उदाहरण मिल गया। मध्यप्रदेश नीमच जिले में बांछड़ समाज की बेटी टीना मालवीय ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर ली है। अब वो नायब तहसीलदार बनेगी। बता दें कि बांछड़ जाति को वैश्यावृत्ति के लिए जाना जाता है। इस समाज में वर्षों पुरानी परंपरा है कि समाज की महिलाएं वैश्यावृत्ति करतीं हैं लेकिन अब यह परंपरा टूट रही है।
मनासा तहसील के छोटे से गांव हाड़ी पिपलिया की टीना मालवीय ने सामाजिक बदलाव का नया संदेश दिया है। इस बदलाव का संकेत टीना के पिता मुकेश मालवीय ने 15 साल पहले ही दे दिया था। उन्होंने अपनी बेटियों को इस गंदे काम में धकेलने से इंकार करते हुए खुद खेती शुरू की और बच्चों को पढ़ाया। वो समाज के ठेकेदारों से लड़े और समाज के दूसरे लोगों को भी प्रेरित किया कि वो बेटियों को गलत काम में न धकेंले। आज मुकेश मालवीय का नाम इतिहास में दर्ज हो गया है। उनका पसीना चमक रहा है।
टीना बताती है कि हमारे समाज में परंपरा के नाम पर बरसों से कई परिवार गलत काम में लिप्त रहे। यह पिता को अच्छा नहीं लगता था। वे खुद तो ज्यादा नहीं पढ़ सके लेकिन उन्होंने बदलाव का संकल्प लेकर शुरुआत अपने ही परिवार से की। मेहनत के पसीने से खेत सींचे और हम 6 भाई-बहनों काे खूब पढ़ाया। इनमें मैं दूसरे नंबर की हूं। लक्ष्य तय था इसलिए पिता की सीख पर आगे बढ़ते रहे। प्राइमरी से हाईस्कूल की पढ़ाई गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई। हायर सेकंडरी मनासा के कन्याशाला से पास की। 10वीं बोर्ड में 84 फीसदी अंक मिले तो 12वीं (विज्ञान संकाय) में 78 फीसदी अंक। 3 साल इंदौर में कांपिटिशन एग्जाम की तैयारी की।
बड़ी बहन मंदसौर में नर्स हैं और छोटी MPPSC की तैयारी कर रही है। बड़ा भाई पिंकेश स्नातक की पढ़ाई कर रहा है तो उनसे छाेटे 11वीं व सबसे छोटा 10वीं में है। टीना कहती है कि सरकारी नौकरी में रहते हुए मैं भी पिता की ही तरह समाज को बदलने की कोशिश करती रहूंगी। अब हमारे समाज में भी लोग बेटियों को गंदे काम के लिए मजबूर नहीं करेंगे।