भोपाल। वजह एदल सिंह कंसाना ( Aidal singh kansana ) हो या कोई और लेकिन मुरैना एसपी रियाज इकबाल (SP Riyaz Iqbal ) का तबादला ( Transfer ) जिस समय और जिस तरीके से किया गया, उसकी आम जनता में अच्छी प्रतिक्रिया नहीं आई। यह तबादला कमलनाथ के दामन पर दाग लगा गया। पुलिस विभाग का मैदानी अमला भी इस तरह की कार्रवाई से असंतुष्ट है। लोग सोशल मीडिया पर अपने अनुभव शेयर करते हुए बता रहे हैं कि एसपी रियाज इकबाल अच्छे अधिकारी हैं। लोगों का कहना है कि चित्रकूट अपहरण एवं हत्या मामले में सरकार ने 4 मैदानी पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड करने में 3 दिन लगा दिए थे, लेकिन एक FIR के बदले एसपी को 24 घंटे में हटा दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ( Shivraj Singh Chauhan ) ने कहा कि "कांग्रेस नेता प्रदेश में हो रही हर आपराधिक घटना के लिए भाजपा को दोष देते हैं जबकि स्वयं विधायक पुत्र कानून से खिलवाड़ करते फिर रहे हैं। अपने नेताओं को समझाना तो दूर, जिस अधिकारी ने ईमानदारी से अपना काम किया, उसे ही सरकार ने हटा दिया। वाकई में यही है ‘वक्त बदलाव का’! 'अभी तक तो अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं हो रहे थे, किसी अधिकारी ने हिम्मत दिखाई तो उसे भी चलता कर दिया। राज्य में अपराध की इतनी घटनाएँ हो रही हैं, बदमाशों के हौसले इसीलिए बुलंद हैं क्योंकि वे जानते हैं यह हमारी अपनी सरकार है। आप तो तबादले कीजिये सरकार'..|
विधायक के बेटे पर FIR के बदले SP को हटाया
दरअसल, कमलनाथ कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज चल रहे मुरैना जिले के सुमावली से विधायक एदल सिंह कंसाना के बेटे राहुल सिंह कंसाना के खिलाफ टोल नाका के कर्मचारियों से की गई मारपीट के मामले में एसपी रियाज इकबाल को कार्रवाई करना महंगा पड़ा है। मंगलवार को उनका तबादला कर दिया गया। हालांकि सत्ता परिवर्तन के बाद से ही प्रदेश में तबादलों का ताबड़तोड़ दौर शुरू हुआ है। इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप भी हावी है। डेढ़ माह से भी कम वक्त में उनका फिर तबादला कर दिया गया। मामले में विधायक के दवाब के चलते एसपी के तबादले पर सरकार घिर गई है। बिना किसी जांच के ही सीधे उन्हें हटाना विपक्ष को भी एक मुद्दा मिल गया है। जबकि विपक्ष पहले से ही तबादलों को सरकार की घेराबंदी कर रहा है।