चार वर्षों के बाद इस बार महाशिवरात्रि पर्व सोमवार को हाे रहा है। 04 मार्च फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि मनाया जाएगा। अगले 12 वर्षों तक महाशिवरात्रि में यह विशेष संयोग नहीं बनेगा। सोमवार के दिन महाशिवरात्रि को शुभ फलदायी माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार जो श्रद्धालु महाशिवरात्रि में सच्चे मन से पूजा-अर्चना व शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। भोलेनाथ उन्हें मनवांछित फल प्रदान करते हैं। श्रद्धालुओं को महाशिवरात्रि के दिन शिव पुराण का पाठ और महामृत्यंजय मंत्र या शिव पंचाक्षर मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करना चाहिए। इससे सुख समृद्धि एवं शांति प्राप्त होता है। पंडित विनोद शास्त्री बताते हैं कि जिसका चन्द्रमा, शुक्र व राहु खराब हो उनके लिए महाशिवरात्रि में शिव पूजा विशेष फलदायी साबित होता है। वही जिन बच्चों को पढ़ाई में मन नही लगता है। विवाह में दिक्कतें होती है उनके लिए महाशिवरात्रि का व्रत एवं अभिषेक विशेष फलदायी होता है।
जलाभिषेक करने से होती हैं मनोकामनाएं पूरी
पंडित राजदीप शर्मा ने बताया कि महाशिवरात्रि में शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। पुरानों के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव एवं माता पार्वती का विवाह हुआ था। यही कारण है कि महाशिवरात्रि को अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन उत्सव मनाया जाता है। शिव बारात का आयोजन होता है। आनंद का वातावरण निर्मित होता है।