नई दिल्ली। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या (62) ने ट्वीट कर सवाल उठाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बैंकों को यह निर्देश क्यों नहीं देते कि वो मेरा पैसा लौटाने का प्रस्ताव स्वीकार करें। ताकि, जनता की उस रकम की रिकवरी हो सके जो किंगफिशर को लोन के तौर पर दी गई थी। Vijay Mallya ने अपने हेंडल @TheVijayMallya से लिखा है कि The Prime Ministers last speech in Parliament was brought to my attention. He certainly is a very eloquent speaker. I noticed that he referred to an unnamed person who “ran away” with 9000 crores. Given the media narrative I can only infer that reference is to me. 5:59 पूर्वाह्न - 14 फ़र॰ 2019
मैंने पैसे लौटाने की ईमानदारी से कोशिश की: माल्या
माल्या ने गुरूवार को 4 ट्वीट किए। उसने संसद में प्रधानमंत्री मोदी के बुधवार के भाषण का जिक्र किया है। माल्या का कहना है कि मोदी प्रखर वक्ता हैं। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि एक व्यक्ति 9000 करोड़ रुपए लेकर भाग गया। उन्होंने मीडिया को यह मुद्दा दिया। मैं समझता हूं कि उनका इशारा मेरी तरफ ही था।
माल्या ने दोहराया कि उसने कर्नाटक हाईकोर्ट के सामने सेटलमेंट का प्रस्ताव रखा था। इसे नकारा नहीं जा सकता। यह गंभीर और ईमानदार कोशिश थी। गेंद अब दूसरे पाले में है। किंगफिशर को दी गई रकम बैंक वापस क्यों नहीं ले रहे।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय का यह दावा है कि मैंने अपनी संपत्ति छिपाई। अगर ऐसा होता तो मैं कोर्ट के सामने 14,000 करोड़ रुपए की संपत्ति का खुलासा क्यों करता। जनता को गुमराह करना शर्मनाक है।
4 फरवरी को ही ब्रिटिश सरकार ने माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी दी है। हालांकि, वो इस फैसले के खिलाफ लंदन के हाईकोर्ट में अपील करेगा। वहां की निचली अदालत ने दिसंबर में ही माल्या के प्रत्यर्पण की मंजूरी दे दी थी।
माल्या पर भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपए बकाया हैं। वो मार्च 2016 में लंदन भाग गया था। भारत ने पिछले साल फरवरी में यूके से उसके प्रत्यर्पण की अपील की थी।
पिछले दिनों जांच ईडी ने जांच रिपोर्ट में कहा था कि माल्या का कर्ज लौटाने का कोई इरादा नहीं था। वह शुरू से ही लोन का पैसा विदेश भेजने में लगा था।