भोपाल। ऐसे डीईओ ( DEO ), डीपीसी( DPC ) और बीआरसीसी ( BRCC ) को तत्काल सस्पेंड कर दिया जाना चाहिए जिन्हे यह पता ही ना हो कि उनके क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल ऐसा है जिसमें मात्र 6 छात्रों का एडमिशन हुआ है और उन्हे पढ़ाने के लिए 4 शिक्षक तैनात हैं। यह स्कूल किसी जंगल में नहीं बल्कि ग्वालियर जैसे शहर में स्थित है।
साल 1955 में प्रारंभ किया गया रमटापुरा सरकारी प्राथमिक स्कूल तानसेन नगर ग्वालियर (Ramatapura Government Primary School Tansen Nagar Gwalior ) में स्थित है। इस स्कूल में कक्षा 1 से लगातार 5 तक मात्र 6 छात्र पंजीबद्ध हैं। बच्चों को पढ़ाने के लिए यहां 04 शिक्षक तैनात है। शिक्षा के अधिकार ( Right to Education ) कानून के तहत 6 छात्र संख्या वाले इस स्कूल में एक से ज्यादा शिक्षक नहीं होना चाहिए था लेकिन 4 तैनात हैं। पहले यहां दो शिक्षक थे, कुछ साल पहले दो शिक्षकों ने यहां से तबादला करवा लिया ताकि बिना नौकरी के वेतन प्राप्त किया जा सके। स्कूल शहर में स्थित है लेकिन स्कूल के प्राचार्य, बीआरसीसी, डीपीसी और डीईओ ने कभी कोई आपत्ति कार्रवाई नहीं की।
ऐसे DEO को सस्पेंड क्यों नहीं करते
एक टीवी न्यूज चैनल को दिए बयान में जिला शिक्षा अधिकारी ममता चतुर्वेदी ( District Education Officer Mamta Chaturvedi ) का कहना है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि स्कूल का निरीक्षण करवाया जाएगा और उचित कार्रवाई की जाएगी। सवाल यह है कि यदि डीईओ को ग्वालियर शहर के ऐसे स्कूल की जानकारी ही नहीं हैं तो यह प्रमाणित करने की जरूरत ही शेष नहीं कि वो अपने कर्तव्य के प्रति कितनी अधिक लापरवाह हैं। यह सरकारी धन व पद के दुरुपयोग और कर्तव्य के प्रति गंभीर लापरवाही का मामला है। कलेक्टर ग्वालियर को इस मामले को तत्काल संज्ञान में लेना चाहिए।