भोपाल। महिला कर्मचारियों के लिए राहतभरी खबर है। मतदान कार्य में जरूरत पड़ने पर ही उनकी ड्यूटी लगाई जाएगी। हालांकि मतगणना में जरूर उनकी ड्यूटी लगेगी। कर्मचारियों की कमी न हो इसलिए अनुदान प्राप्त स्कूलों के शिक्षकों व कर्मचारियों को चुनाव कार्य में शामिल किया जा सकता है।
अप्रैल-मई में होने जा रहे चुनाव को लेकर प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है। प्रत्येक सरकारी विभाग के कर्मचारियों की डाटा एंट्री साफ्टवेयर में की जा रही है और उस साफ्टवेयर की मॉनीटरिंग राज्य निर्वाचन कार्यालय द्वारा की जा रही है। कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया है कि किसी भी कर्मचारी का नाम एंट्री से नहीं छूटना चाहिए। अगर ऐसा हुआ तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा और कार्यवाही भी होगी।
विधानसभा चुनाव के अनुभव से अधिकारियों ने यह पाया है कि महिला कर्मचारियों को मतदान दल में शामिल करना उचित नहीं है। हालांकि अधिकारी इस बारे में खुलकर कुछ भी नहीं बता रहे हैं, लेकिन यह चर्चा है कि मतदान दल में महिलाओं के शामिल होने पर उनके साथ छेड़खानी की शिकायत है। मतदान समाप्त होने पर लौटते समय पुरुष कर्मी नशा करते हैं और इस हालत में वे महिला कर्मचारियों को अपशब्द कहते हैं।