भोपाल। मप्र के पेंशनरों एवं कर्मचारियों का केन्द्रीय कर्मचारियों की तुलना में महंगाई राहत व डीए काफी कम है। इसके लिए मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने श्री राहुल गांधी अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। पत्र में लिखा गया है कि प्रदेश में पेंशनरों एवं कर्मचारियों को केन्द्रीय कर्मचारियों की तुलना में डीए व एचआर केंद्रीय दर नहीं दिया जा रहा है, इससे पेंशनरों एवं कर्मचारियों में भारी नाराजगी व्याप्त हैं।
कर्मचारियों की उपेक्षा का खामियाजा पूर्व में दिग्विजय सिंह व हाल ही में शिवराज सिंह चौहान सरकार को विधानसभा चुनाव में देखने को मिला है। प्रदेश में कमलनाथ सरकार इस पर गंभीर नहीं लगती हैं इससे संदेश गलत जा रहा है। प्रदेश में पेंशनरों को जनवरी, जुलाई 2018 व जनवरी 2019 से 2; 2 व 3% कुल 7% महंगाई राहत व कर्मचारियों को जुलाई 2018 व जनवरी 2019 से 2 व 3% कुल 5% डीए कम देते हुए क्रमशः 5 व 7% पर रोक रखा है; जबकि केन्द्रीय दर 12% पर पहुंच गई है। इसी प्रकार प्रदेश कर्मचारियों को मकान भाड़ा भत्ता सातवें वेतनमान के आधार पर संशोधित न कर अभी तक छठे वेतनमान के आधार पर ही दिया जा रहा है।
मप्र सरकार द्वारा कर्मचारियों को डीए व पेंशनरों को महंगाई राहत मूल्य सूचकांक आधारित देय है, जो समय पर भुगतान न कर वेतन व पेंशन में कटौती होकर आर्थिक मांग खड़ी की गई है इससे पेंशनर व कर्मचारी कुपित है । पत्र में लिखा है कि श्री राहुल गांधी अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को हस्तक्षेप कर समय की नज़ाकत देखते हुए चुनाव आचार संहिता के पूर्व केंद्रीय दर एवं तिथि से डीए व सातवें वेतनमान के आधार पर संशोधित एचआर दिलाकर पेंशनरों एवं कर्मचारियों की नाराजगी दूर की जानी चाहिए।