भोपाल। नरेंद्र मोदी सरकार ने स्मार्ट सिटी योजना का ऐलान किया था। इसी तर्ज पर मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह सरकार ने मिनी स्मार्ट सिटी की घोषणा की थी। अब कमलनाथ सरकार इस पर काम शुरू कर रही है। कुल 12 शहरों को चुना गया है जिनके लिए टेंडर भी जारी हो गए हैं। इन 12 शहरों में अधोसंरचना विकास के लिए 300 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
अर्बन डेवलपमेंट कंपनी से टेंडर और वर्क ऑर्डर जारी हो चुके हैं। फिलहाल सरकार के पास 60 करोड़ रुपए हैं। 240 करोड़ रुपए का इंतजाम करना बाकी है। नगरीय प्रशासन विभाग ने अमरकंटक, ओरछा, मैहर, नसरुल्लागंज, शाजापुर, धरमपुरी, सेवढ़ा, मंडला, नरसिंहपुर, बड़वानी, सेंधवा, चित्रकूट को मिनी स्मार्ट सिटी के लिए चिह्नित किया है। योजना में पांच करोड़ रुपए तो प्रति शहर के लिए सीएम इंफ्रास्ट्रक्चर फंड से जारी हो गए हैं।
बजट की लड़ाई
मिनी स्मार्ट सिटी के लिए अब तक 24 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री अधोसंरचना मद से जारी हो चुके हैं। ये राशि नगर पालिकाओं को आवंटित हुई है, जबकि योजना का क्रियान्वयन मप्र अर्बन डेवलपमेंट कंपनी कर रही है। अब ये बजट सीएमओ से कंपनी के खाते में भेजने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। दरअसल इस मद से 1800 करोड़ का आवंटन नगरीय निकायों में इंफ्रास्ट्रक्चर के काम में होना है। इस मद से अर्बन डेवलपमेंट कंपनी को सीधे राशि जारी करने का कोई प्रावधान ही नहीं है।