भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अब अपनी ही भाजपा में सवालों की जद में आ गए हैं। शिवराज सिंह लगातार कोशिश कर रहे हैं कि वो मध्यप्रदेश में भाजपा का चेहरा बने रहें। बीते रोज शिवराज सिंह ने सीएम कमलनाथ ( CM KAMAL NATH ) से मुलाकात की। मुद्दे मध्यप्रदेश से जुड़े थे। संगठन में सवाल किए जा रहे हैं कि शिवराज सिंह सीएम कमलनाथ से मिलने अकेले क्यों गए, प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष को साथ क्यों नहीं ले गए।
SHIVRAJ SINGH ने क्या मुद्दे बताए
पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की ओर से बताया गया कि उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र बुधनी के विकास से लेकर ओला पीड़ित किसानों को राहत पहुंचाने जैसे तमाम मुद्दों पर बातचीत की। ओमकारेश्वर में Advaita Ved Ved संस्थान बनाने का काम जारी रखने की मांग कीे। शिवराज सिंह ने संतों के अनुरोध पर आदि शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित करने और संस्थान बनाने की मांग मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने रखी। शिवराज सिंह चौहान ने CM कमलनाथ से ओला और पाला पीड़ित किसानों को तत्काल राहत देने की मांग भी रखी। उन्होंने कहा सरकार को फसलों का सर्वे कराना चाहिए। किसान कर्ज़माफ़ी में जो विसंगति और शिकायतें आ रही हैं वो भी दूर की जाएं, ताकि किसानों को योजना का लाभ मिल सके। शिवराज सिंह ने कर्ज़ माफी की स्पष्ट नीति बनाने का अनुरोध भी किया।
तो क्या SHIVRAJ का अस्तित्व BJP से अलग है
सवाल उठ रहे हैं कि क्या शिवराज सिंह खुद को भाजपा से अलग मानते हैं। वो संगठन के नीति नियमों और परंपराओं का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं। यदि प्रदेश के मुद्दों पर बातचीत करनी थी तो प्रतिनिधि मंडल साथ होना चाहिए था। बता दें कि शिवराज सिंह और सीएम कमलनाथ की दोस्ती पुरानी है। अब यह भी कहा जा रहा है कि इसी दोस्ती के कारण शिवराज सिंह ने चुनाव अभियान में ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह पर तो हमले किए लेकिन कमलनाथ को लेकर नर्म रुख अपनाया।