भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया की पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया इस बार लोकसभा चुनाव लड़ेंगी परंतु गुना शिवपुरी नहीं बल्कि ग्वालियर लोकसभा सीट से। पार्टी की आंतरिक रायशुमारी में प्रियदर्शनी राजे सिंधिया को ग्वालियर से प्रत्याशी बनाने की मांग की गई है। इधर दिग्विजय सिंह का लोकसभा टिकट राहुल गांधी के एक बयान के कारण अटकता नजर आ रहा है। राहुल गांधी ने तय किया है कि लोकसभा चुनाव में पार्टी के 114 विधायकों और राज्यसभा सांसदों में से किसी को भी मैदान में नहीं उतारा जाएगा। दिग्विजय सिंह राज्यसभा सांसद हैं।
लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण की नीति के बारे में राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी निर्वाचित विधायकों और राज्यसभा सांसदों को टिकट नहीं देगी। पार्टी में और भी योग्य लोग हैं, जिन्हें उनकी क्षमताओं के आधार पर लोकसभा का टिकट दिया जाना चाहिए। इस बीच विधानसभा चुनाव हार गए प्रत्याशियों को लोकसभा टिकट मिलने का रास्ता जरूर साफ हो गया है। दिग्विजय सिंह को इंदौर से चुनाव लड़ाने की मांग की जा रही है जबकि राजगढ़ लोकसभा सीट भी दिग्विजय सिंह के लिए खाली होती नजर आ रही है। राजगढ़ में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के पास सांसद पद के योग्य प्रत्याशी नहीं है।
प्रियदर्शनी राजे का टिकट पक्का
पार्टी चाहती है कि ज्योतिरादित्य को ग्वालियर या गुना में से किसी एक सीट पर चुनाव लड़े। ऐसे में यदि ज्योतिरादित्य गुना से चुनाव लड़ते हैं तो प्रियदर्शनी ग्वालियर से मैदान में उतरेगी। इसकी वजह यह है कि ग्वालियर चंबल में सिंधिया के प्रभाव के चलते कांग्रेस ने 34 में से 26 सीटों पर जीत हासिल की है और प्रियदर्शनी राजे के नाम पर पूरी कांग्रेस एकमत है। झाबुआ-रतलाम से वर्तमान सांसद कांतिलाल भूरिया का चुुनाव लड़ना तय है।
कांग्रेस पार्टी टिकट बंटवारे को लेकर सावधानी बरत रही है। इसी के चलते लोकसभा प्रत्याशियों के चयन के लिए लोकसभा प्रभारियों, एआईसीसी द्वारा नियुक्त किए गए कोआर्डिनेटर और पार्टी विधानसभा चुनाव के तर्ज पर सर्वे भी करा रही है। इसमें जो नाम सामने आएंगे उन नामों पर विचार किया जाएगा। एआईसीसी के निर्देशानुसार फरवरी माह के अंत तक नामों की सूची को अंतिम रूप दिया जाएगा।
इसी प्रकार लगातार 1989 से लगातार हार रही भोपाल और इंदौर को लेकर भी पार्टी किसी नए चेहरे पर दाव लगाने का मन बना रही है। इसके अतिरिक्त विदिशा, सागर, टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो,जबलपुर, मंडला, बालाघाट जैसी सीटों पर भी नए चेहरों पर दाव लगा सकती है। इस बात के राहुल गांधी ने संकेत दिए हैं।