भोपाल। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद जबलपुर के अश्विनी कुमार काछी के अंतिम संस्कार को लेकर विपक्षी बीजेपी और राज्य सरकार ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए हैं। बीजेपी ने जहां अंतिम संस्कार में जानबूझकर देरी करने के प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं कांग्रेस सरकार ने बीजेपी के आरोपों का जवाब देते हुए संवेदनशील मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।
14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए जवानों में जबलपुर के खुड़ावल गांव के निवासी अश्विनी भी शामिल थे और शनिवार को उनके पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार हुआ। रविवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने यहां बीजेपी मीडिया सेल की बैठक में अंतिम संस्कार में देरी होने का मामला उठाया। भार्गव ने इस बैठक में आरोप लगाते हुए कहा कि कमलनाथ सरकार के मंत्री बैठक और उद्घाटन में व्यस्त थे, इसलिए शहीद के अंतिम संस्कार में विलंब किया गया, शहीद के शव को कई जगह रखा भी गया। इतना ही नहीं जब शव अंतिम संस्कार स्थल पर भी पहुंच गया तो वहां भी अंत्योष्टि की प्रक्रिया में देरी की गई क्योंकि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आने वाले मंत्री किसी अन्य कार्यक्रम में व्यस्त थे।
कांग्रेस ने बीजेपी पर लगाए राजनीति करने के आरोप
दूसरी ओर बीजेपी नेता के आरोप पर कमलनाथ की ओर से मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने एक बयान जारी कर सफाई दी है। बयान में कहा गया है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जबलपुर में मंत्रिमंडल की बैठक छोड़कर सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर मंत्री गोविंद सिंह को शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल होने भेजा दिया था, वहीं मुख्यमंत्री अपने निर्धारित समय पर साढ़े चार बजे पहुंच गए, उन्होंने किसी को भी इंतजार नहीं कराया। यह बेहद शर्मनाक है कि बीजेपी ऐसे संवेदनशील मौके पर भी झूठ बोलने व ओछी राजनीति करने से बाज नहीं आई।'
दुष्प्रचार का जरूर देंगे जवाब: कांग्रेस
कांग्रेस नेता ने बयान में आगे कहा गया है कि इस संवेदनशील मुद्दे पर हम राजनीति नहीं करना चाहते, लेकिन यदि बीजेपी दुष्प्रचार करेगी तो उसका जवाब जरूर देंगे। कांग्रेस नेता ने बीजेपी से सवाल करते हुए कहा कि जब पुलवामा हमला हुआ तो प्रधानमंत्री ने अपना ट्रेन शुभारंभ का कार्यक्रम रद्द कर घटनास्थल पर पहुंचना क्यों उचित नहीं समझा। इसके अलावा प्रदेश के कई केंद्रीय मंत्री जबलपुर के ‘शहीद जवान की अंत्येष्टि में’ शामिल होने क्यों नहीं पहुंचे? उल्लेखनीय है कि शहीद अश्विनी के अंतिम संस्कार में कमलनाथ और उनकी सरकार के कई मंत्री शामिल हुए थे। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष भार्गव और अन्य बीजेपी नेता भी मौजूद थे।