जले कागज के टुकड़े से हुआ वंदना सोनी हत्याकांड का खुलासा | MP NEWS

इंदौर। मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले में 8 दिन पहले हुए अंधे कत्ल का खुलासा हुआ है। पुलिस को शाजापुर से 30 किमी दूर ग्राम घुंसी के पास एक अज्ञात महिला का अधजला शव मिला था। शाजापुर जिले में कोई महिला लापता नहीं थी। पुलिस के सामने पहली चुनौती शव की शिनाख्त थी। शव के साथ मिले एक जले हुए कागज के टुकड़े से पुलिस आरोपी तक पहुंच गई। इस कहानी में कई मोड़ आए परंतु अंतत: खुलासा हो ही गया। 

पुलिस ने बताया कि शव आष्टा की लापता नर्स 36 वर्षीय वंदना सोनी का था। उसकी हत्या बस कंडक्टर अंसार शाह की पत्नी हनीफा ने एक तांत्रिक के साथ मिलकर की थी। पुलिस ने इस कत्ल का खुलासा शुक्रवार को किया। पुलिस ने वारदात को अंजाम देने वाली हनीफा पति अंसार शाह, साथ देने वाले तांत्रिक रामचरण उर्फ गुड्डू और गुड्डू को शव छुपाने में साथ देने वाले उसके दोस्त देवेंद्र पिता लक्ष्मण ठाकुर निवासी रामनगर इच्छावर हाल मुकाम भोपाल को गिरफ्तार कर लिया।

जले हुए कागज के टुकड़े से हुआ हत्याकांड का खुलासा


वारदात 31 जनवरी को दिन में हुई और आरोपियों ने शव को उसी रात घुंसी के समीप ठिकाने लगा दिया। पुलिस को 1 फरवरी को सूचना मिली। 90 प्रतिशत जली लाश के साथ पुलिस को कांच की स्लाइड, इंजेक्शन सीरिंज, बॉटल व स्कूटी की चाबी मिली। एफएसएल अधिकारी आरसी भाटी, एसपी शैलेंद्रसिंह चौहान व एएसपी गोपाल धाकड़ को शव के साथ जले कागज की राख में एक टुकड़े पर अंग्रेजी में मुगली रोड लिखा दिखा। यही कागज का टुकड़ा पुलिस की जांच का मूल आधार बना। पुलिस आष्टा के पास मुगली से लगे क्षेत्र में चिकित्सा से जुड़े लोगों की जानकारी जुटाना शुरू की तो पता चला आष्टा के अस्पताल में कार्यरत नर्स गायब है। उसकी गुमशुदगी 2 जनवरी को आष्टा थाने में वंदना सोनी की बहन सुनंदा ने दर्ज कराई थी। पुलिस ने आष्टा पहुंचकर शव के पास मिले पायजेब, अंगूठी, गाड़ी की चाबी और पानी की बॉटल दिखाई। इन वस्तुओं को परिजनों ने पहचान लिया और मृतका की पुष्टि हो सकी।

आरोपियों तक कैसे पहुंची पुलिस

बहन सुनंदा के शक जताने पर पुलिस ने अंसार को हिरासत में लेकर पूछताछ की। अंसार ने अपनी पत्नी हनीफा को बचाने के लिए नर्स के साथ अपने संबंधों को स्वीकारते हुए खुद ही हत्या करना कबूल लिया। पुलिस ने अंसार को ही हत्यारा मानते हुए वारदात का रिक्रिएशन (नाट्य रूपांतरण) कराया। इसमें अंसार सही लोकेशन नहीं बता सका। इससे पुलिस को शक हुआ और अंसार की पत्नी सहित अन्य परिजन को भी पकड़ लिया। सबसे अलग-अलग पूछताछ में बयान पुलिस को गुमराह करते मिले। पुलिस को वारदात में तीसरे व्यक्ति के होने का अंदेशा हुआ और जांच नए सिरे से शुरू की। इसमें ग्राम घुंसी से ही पेट्रोल खरीदने वाले एक युवक की भूमिका सामने आई, जो रामचरण उर्फ गुड्डू निकला।

वारदात को ऐसे दिया अंजाम

31 जनवरी की दोपहर 12.30 बजे हनीफा आष्टा अस्पताल पहुंची। वहां कार्यरत नर्स वंदना को अपने साथ अपने घर लाई। यहां दोपहर 1.30 बजे घर के दूसरी मंजिल पर बने कमरे में दोनों के बीच अंसार के साथ वंदना के संबंधों को लेकर विवाद हुआ। इसी दौरान हनीफा ने पास में रहने वाले तांत्रिक गुड्डू को भी बुला लिया। दोपहर 3 बजे दोनों महिलाओं के बीच विवाद बढ़ा और हनीफा ने तैश में आकर लोहे की टामी उठाकर वंदना के सिर में मार दी। इसके बाद भी हनीफा का गुस्सा शांत नहीं हुआ और उसने तीन-चार वार करते हुए वंदना को मौत के घाट उतार दिया।

शव को ठिकाने कैसे लगाए


शव को ठिकाने लगाने पूरी प्लानिंग हनीफा के साथी रामचरण उर्फ गुड्डू ने की। पहले हनीफा व गुड्डू ने वंदना के शव को प्लास्टिक के ड्रम में रख दिया। इसके बाद गुड्डू ही आष्टा बस स्टैंड पहुंचा और अपने ससुराल ग्राम घुंसी जिला शाजापुर तक गेहूं ले जाने 1500 रुपए के भाड़े पर मारुति वैन कर ली। वैन चालक गुड्डू के साथ उसके मारूपुरा स्थित निवास पर पहुंच गया। ड्राइवर की मदद से हनीफा और गुड्डू ने ड्रम को उठाकर वैन में रख दिया। 4.15 बजे वैन चालक के साथ अकेला गुड्डू बैठकर शाम करीब 6 बजे घुंसी के समीप पहुंचा। यहां गांव के समीप सड़क किनारे ही उसने वैन से ड्रम उतारकर वापस भेज दी। ड्रम को झाड़ियों में छुपाकर वह अपने ससुराल चला गया। यहां उसने खुद के व वंदना सोनी के मोबाइल व लैपटॉप एक कोठी में छुपा दिए। रात करीब 10 बजे के बाद वह गांव की पेट्रोल दुकान से 2 लीटर पेट्रोल खरीदकर वापस झाड़ियों के पास पहुंचा और ड्रम में पेट्रोल डालकर उसमें आग लगा दी।

कैसे शुरू हुई थी LOVE STORY

वंदना सोनी पिता स्व. लालराम सोनी मंडीदीप की रहने वाली थी। आष्टा के सरकारी अस्पताल में 3 साल से नर्स थी। मंडीदीप आते-जाते समय बस कंडक्टर अंसार उसे पसंद करने लगा। तीन बच्चों के बाप अंसार ने वंदना से जान पहचान बढ़ाकर अपने ही मकान में किराए से कमरा दे दिया। वंदना की बहन सुनंदा के अनुसार हनीफा को भी यह बात पता थी कि उसका पति अंसार वंदना के प्रति आकर्षित होने लगा है। अंसार उसका इतना दीवाना था कि वंदना के 1-2 दिन नहीं आने पर वह भोपाल-मंडीदीप तक फोन लगाने लगता था।

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