बालिका गृह में लड़कियों का शोषण और पॉलिटिकल कनेक्शन - MP NEWS

Bhopal Samachar
इंदौर। मध्यप्रदेश के रतलाम जिले की तहसील जावरा में स्थित कुंदन कुटीर बालिका गृह जहां बालिकाओं के यौन शोषण का मामला सामने आया है, की महिला संचालक डॉ. रचना भारतीय के पॉलिटिकल कनेक्शन का खुलासा हुआ है। बताया गया है कि डॉ रचना कांग्रेस नेता एवं पूर्व गृहमंत्री भारत सिंह के निजी सचिव एसएन ठक्कर की बेटी हैं और पूर्व कांग्रेसी नपाध्यक्ष कुंदनमल भारतीय की बहू हैं। इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत के बेटे व आलोट विधायक जितेंद्र गेहलोत व भाजपा जिलाध्यक्ष कानसिंह चौहान ने भी रचना को ना केवल संरक्षण दिया बल्कि पॉवरफुल भी बनाया। 

भाजपा व कांग्रेस नेताओं का था संरक्षण

आरोप है कि कुंदन कुटीर बालिका गृह की संचालक डॉ. रचना ने लड़कियों को बार गर्ल बना दिया था। लड़कियों को उनके लिए शराब परोसनी पड़ती थी। अब खुलासा हुआ है कि कुंदन कुटीर बालिका गृह भाजपा व कांग्रेस नेताओं के संरक्षण में चल रहा था। शराब पीकर बालिकाओं के साथ मारपीट करने वाली महिला संस्थापक और पूर्व बाल कल्याण समिति अध्यक्ष डॉ. रचना भारतीय के मायाजाल में दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों के नेता उलझे थे। रचना पूर्व गृहमंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता रहे भारत सिंह के निजी सचिव एसएन ठक्कर की बेटी और पूर्व कांग्रेसी नपाध्यक्ष कुंदनमल भारतीय की बहू हैं। 

जबकि उन्हें बाल कल्याण समिति में लेेने की सिफारिश मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत के बेटे व आलोट विधायक जितेंद्र गेहलोत ने भाजपा जिलाध्यक्ष कानसिंह चौहान से की थी। बिना जांच-पड़ताल किए सिफारिश-पत्र पर अनुशंसा कर आगे बढ़ा दिया गया। असर यह हुआ कि सदस्य बनाने की बजाय रचना को अध्यक्ष ही बना दिया गया। 

आकाओं ने मजिस्ट्रियल जांच दबाने की कोशिश की थी

राजनीतिक कनेक्शन सामने आने के बाद नेताओं के भोपाल, दिल्ली और ग्वालियर में बैठे आकाओं के कान खड़े हो गए हैं। सूत्र बताते हैं कि मजिस्ट्रियल जांच दबाने के लिए इन आकाओं ने जोर लगाया लेकिन नाकाम रहे। बालिका गृह में बालिकाओं के यौन शोषण का मामला उजागर होने के बाद अब कांग्रेस नेता चुप्पी साधे बैठे हैं, तो भाजपा नेता दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की बात करने की औपचारिकता कर रहे हैं। 

भाजपा नेता जितेंद्र गेहलोत का स्पष्टीकरण

आलोट के पूर्व विधायक जितेंद्र गेहलोत ने बताया बालिका गृह की स्थापना के 6 माह बाद एक बार व्यवस्था देखने गया था। तब बालिकाओं की बेहतर देखभाल हो रही थीं। कुछ समय बाद रचना का कॉल आया था, वह बाल कल्याण समिति सदस्य बनना चाहती थी। इसलिए उसे सदस्य बनाने की अनुशंसा की थी। निष्पक्ष जांच हो। 

जिलाध्यक्ष कानसिंह चौहान का स्पष्टीकरण

भाजपा जिलाध्यक्ष कानसिंह चौहान का कहना है ऐसी समितियों में राजनीतिक नियुक्तियां होती हैं। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष बनाने के लिए विधायक जितेंद्र गेहलोत ने पत्र भेजा था। इसलिए अनुशंसा कर दी थी। सोच नहीं सकते बालिका गृह में बालिकाओं से ऐसा व्यवहार हो रहा होगा। निष्पक्ष जांच हो जो भी दोषी हो उस पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। 

कांग्रेस नेताओं का संबंध नहीं, हम तो कार्रवाई करवाएंगे: भूरिया 

सांसद कांतिलाल भूरिया के अनुसार बालिका गृह मामले में पर्दे के पीछे कई लोगों का हाथ है। कांग्रेस नेताओं का कोई संबंध नहीं है। जांच के बाद सबके नाम सामने आएंगे। सारा खेल भाजपा सरकार में हुआ है। उनके नेताओं का हाथ है। एक को भी नहीं बख्शा नहीं जाएगा। सभी पर कार्रवाई होगी। प्रदेश, देश के अन्य फोरम पर इस मुद्दे को दमदार तरीके से उठाएंगे। 

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने क्या कहा

बालिका गृह से लड़कियों के भागने के आठ दिन बाद और संचालिका डॉ. रचना भारतीय सहित 4 लोगों के खिलाफ एफआईआर होने के दो दिन बाद मुख्यमंत्री ने ट्विटर पर जवाबदेह अधिकारियों व संस्था संचालकों पर सख्त कार्रवाई की बात कही। शनिवार रात 8.42 बजे किए ट्वीट में उन्होंने सभी सरकारी व निजी बालिका गृह, छात्रावास, बालिका सुधार गृह की सतत निगरानी व निरीक्षण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा है कागजी व दिखावटी निरीक्षण बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। पूर्व सरकार के समय निजी एवं एनजीओ द्वारा संचालित बालिका गृह व संस्थाओं की मनमर्जी खत्म कर राजनीतिक दखलंदाजी बंद की जाएगी। ऐसी संस्थाओं का सोशल ऑडिट करते हुए वहां रहने वाली बेटियों से संवाद कायम किया जाएगा। 

सालभर से चल रही थी संदिग्ध गतिविधियां

बालिकागृह में सालभर से संदिग्ध गतिविधियां चल रही थी। हर माह निरीक्षण करने आने वाली एक अधिकारी ने इसकी रिपोर्ट भी वरिष्ठ अफसरों को दी थी लेकिन वे मामला दबाए रहे। 24 जनवरी को ये 5 बालिकाएं भागती नहीं तो शायद ही इस घिनौने कृत्य का खुलासा होता। मजिस्ट्रियल जांच में हुए खुलासे के बाद कई अधिकारी जांच के दायरे में हैं। चारों आरोपी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस रिमांड लेने की बजाय सीधे जेल भेजने की कार्रवाई पर लोग सवाल उठा रहे हैं। 

लड़कियों के रहने वाले कमरे में मिले पुरुषों के कपड़े

पुलिस ने रचना के घर व बालिकागृह की सर्चिंग करवाई तो शराब की बोतलें, ढक्कन तथा लड़कियों के रहने वाले कमरे से पुरुषों के कपड़े मिले हैं। बालिकागृह की गतिविधियां सालभर से ठीक नहीं थी। यह बाल संरक्षण अधिकारी पवन कुंवर सिसौदिया ने मजिस्ट्रियल जांच कमेटी के समक्ष कही। एसडीएम एम.एल. आर्य ने आईए थाने में दी रिपोर्ट में भी इसका उल्लेख है। 
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