प्यार भी हम करें, इंतजार भी हम करें, लिखकर अंशुमान फांसी पर झूल गया | MP NEWS

ग्वालियर। सबसे ज्यादा गुस्सा खुद पे आता है, जब प्यार भी हम करें, इंतजार भी हम करें, जताएं भी हम और रोएं भी हम, फेसबुक पर यह लिखकर अंशुमान मीणा ( Anshuman Meena ) फांसी पर झूल गया। वो दिल्ली में जॉब करके लौटा था। उसकी फेसबुक प्रोफाइल ( Facebook profile) बता रही है कि वो प्यार में था, कई दिनों से डिप्रेशन में था परंतु किसी ने ध्यान ही नहीं दिया। युवक ने वेलेंटाइन डे ( Valentine day ) पर भी अपने हाथ पर ब्लेड से महिला का नाम लिखा था। उसने हाथ का फोटो खींचकर फेसबुक ( FACEBOOK ) पर शेयर किया और फिर डिलीट कर दिया। घटना माधौगंज थाना क्षेत्र में हुई। 

दिव्यांग पिता को अकेला छोड़कर चला गया

पुलिस के मुताबिक आत्महत्या की वजह महिला का शादी से इनकार कर देना है। जबकि परिजनों ने आशंका जताई है कि महिला उसे धमका रही थी। फिलहाल पुलिस ने उसका मोबाइल जब्त कर लिया है। माधौगंज निवासी 23 वर्षीय अंशुमन उर्फ निशांत पुत्र राजेन्द्र कुमार मीणा दिल्ली में नौकरी करता था। उसके पिता दिव्यांग हैं। मां का निधन हो चुका है। नवंबर में वह ग्वालियर आकर चाचा के पास रहने लगा था। बुधवार शाम उसने चाय पी और अपने कमरे में चला गया। जब उसकी चाची खाना खाने के लिए बुलाने गईं तो उसने कहा कि मैं अभी फेसबुक चैट कर रहा हूं। 

हाथ पर कट के निशान थे, पोस्टमार्टम में दिखे

इसके बाद सब सो गए। सुबह करीब 8 बजे तक जब वह नहीं जागा तो परिजन उसे उठाने गए। काफी देर खटखटाने के बाद जब दरवाजा नहीं खुला तो परिजन ने तोड़ा। अंदर वह फांसी के फंदे पर लटका हुआ था। बिस्तर पर मोबाइल रखा था। सूचना मिलने पर माधौगंज पुलिस पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। जब पोस्टमार्टम हुआ तो हाथ पर कट के निशान मिले, लेकिन वह पुराने थे। वह पूरी बांह की शर्ट पहना रहता था, इसलिए परिजनों को पता ही नहीं लगा। जब उसके भाई ने उसकी फेसबुक प्रोफाइल देखी तो उस पर हाथ का फोटो डला था, जो उसने वेलेंटाइन डे पर डाला था। 

एक सप्ताह से कर रहा था पोस्ट 

युवक एक सप्ताह से ऐसी पोस्ट कर रहा था, जिन्हें पढ़कर स्पष्ट रूप से समझा जा सकता है कि उसके दिमाग में आत्महत्या के विचार आ रहे थे। किसी ने ध्यान नहीं दिया। इन पोस्ट पर नजर तब पड़ी जब उसने फांसी लगा ली। 

किस दिन क्या लिखा 

14 फरवरी: इतनी लंबी उम्र की दुआ मत मांग मेरे लिए ऐसा ना हो की तू भी छोड़ दे और मौत भी न आए। 
18 फरवरी: दोपहर 1.29 बजे: आज से हमेशा के लिए सोने जा रहा हूं। 
20 फरवरी: दोपहर 2.01 बजे: ऐसा ही होता है मेरे साथ अब कोई इंतजार नहीं। अब कोई प्यार नहीं। आया था टाइम पास करने के लिए। अब खत्म हो गया इंतजार और प्यार। 

कौन है महिला

अंशुमन के परिजनों ने बताया कि जब वह दिल्ली में रहता था तो किसी कंचन नाम की महिला के संपर्क में आया। कंचन की एक बेटी भी है। वह दिल्ली में ही रहती है। अंशुमन कहता था कि उसी से शादी करेगा। फिर उसका झगड़ा भी हुआ। 

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