भोपाल। मध्यप्रदेश में चल रहे ताबड़तोड़ तबादलों को लेकर एक तरफ भाजपा आरोप लगा रही है तो दूसरी तरफ कांग्रेस विधायकों ने भी मंत्रियों की शिकायत कर डाली। बजट सत्र से पहले विधायक दल की बैठक में विधायकों ने कहा कि यदि मंत्री उनकी बात नहीं सुनेंगे तो वो लोकसभा चुनाव में काम नहीं कर पाएंगे। वरिष्ठ विधायक केपी सिंह, देवेंद्र पटेल और प्रवीण पाठक ने कहा कि अब तक जो ट्रांसफर किए गए, उनमें हमारी राय नहीं ली गई।
अधिकारी विधायकों की नहीं सुन रहे हैं। मनमानी कर रहे हैं। ज्यादातर विधायकों का कहना था कि अगर यही हालात रहे तो लोकसभा चुनाव में विधानसभा क्षेत्र में जिताना मुश्किल हो जाएगा। विधायकों ने शिक्षकों के ट्रांसफर किए जाने का भी मुद्दा उठाया। विधायक आरिफ मसूद का कहना था कि माइनॉरिटी के प्रति एडीजी इंटेलिजेंस के रवैया ठीक नहीं है। बड़वानी के मामले में उनकी बात तक नहीं सुनी गई। अधिकारी विधायकों की बात को गंभीरता से लें।
खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह और राजवर्द्धन सिंह में कहासुनी
राजवर्द्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि धान खरीदी केेंद्रों पर किसानों को अपनी उपज बेचने में दिक्कत आ रही है। इसमें किसानों के रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था खत्म की जाए। सीधे किसान उपज लेकर आ रहा है। जब उसके पास बही है तो उसकी खरीद में क्यों दिक्कत आ रही है। इसी तरह प्राथमिक सहकारी सोसायटियों में किसानों को खाद-बीज के वितरण में जमकर चौथ वसूली हो रही है। इस पर मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि वे इस व्यवस्था को देखेंगे कि आखिर इस तरह की स्थितियां कैसे बन रही हैं। इस पर दत्तीगांव ने कहा कि दो महीने में सुधार क्यों नहीं किया गया। इस पर तोमर और दत्तीगांव के बीच कहासुनी भी हो गई।
परीक्षाओं के बाद शिक्षकों के ट्रांसफर खोलेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि परीक्षाओं के बाद शिक्षकों के ट्रांसफर खोल दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कुछ मंत्रियों के देरी से आने पर भी नाराजगी व्यक्त की और साफ कहा कि विधायकों की जो भी दिक्कतें हैं उनके साथ बैठकर उनका हल निकाला जाए। आगे इस तरह की स्थिति नहीं बननी चाहिए।