बेरोजगारों को कमलनाथ सरकार से उम्मीद थी, सुनवाई नहीं हुई तो जहर खा लिया | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के मंत्रालय में 2 दिव्यांग बेरोजगारों ने जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की। मजिस्ट्रेट के सामने दिए अपने बयान में उन्होंने बताया कि 7 साल से वो नौकरी के लिए कोशिशें कर रहे हैं। कांग्रेस की कमलनाथ सरकार से बहुत उम्मीदें थीं परंतु जब मंत्रालय में भी उनकी सुनवाई नहीं हुई तो हताश होकर उन्होंने जहर खा लिया। बता दें कि दोनों ने 14 फरवरी 2019 को जहर खा लिया था। 

ग्वालियर की सामाजिक न्याय विभाग की टीम ने भोपाल पहुंचकर दिव्यांगों से मुलाकात की और उन्हें नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया। अब दोनों ही हालत पूरी तरह खतरे से बताई जाती है। एसपी संजय साहू के अनुसार घाटी गांव, ग्वालियर निवासी 28 वर्षीय रामनिवास ने अपने 30 वर्षीय साथी सुल्तान के साथ गुरुवार को मंत्रालय जनशिकायत निवारण प्रभाग में पहुंचे थे। दोनों ने मंत्रालय पहुंचने के बाद एंट्री की और अंदर जाकर जहर खा लिया। उनके पास से एक शीशी भी मिली थी। दोनों को हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शुक्रवार को ग्वालियर से सामाजिक न्याय विभाग और घाटी गांव पुलिस की टीम आई थी। टीम से बात करने के बाद दोनों को कलेक्टर ने शिक्षा विभाग में भृत्य की नौकरी देने का निर्देश डीईओ को दिया है। 

सरकार ने आर्थिक मदद दी, नौकरी का आश्वासन भी दिया
सुल्तान के चाचा महेश ने बताया कि अब दोनों ही खतरे से बाहर हैं। उन्होंने बताया कि रामनिवास ने बीए किया है, जबकि सुल्तान हायर सेकंडरी पास है। दोनों नौकरी के लिए ही सारे दस्तावेज लेकर भोपाल पहुंचे थे। वे कहते थे कि नौकरी न मिलने से वे जिंदगी से तंग आ चुके हैं। भोपाल पहुंचे राजस्व निरीक्षक शिवदयाल शर्मा ने बताया कि उन्होंने परिवार के सदस्यों को आर्थिक मदद भी मुहैया करा दी है। 

पूर्व डीईओ के खिलाफ कार्रवाई होगी
ग्वालियर कलेक्टर ने इस मामले में लापरवाही बरतने पर पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी मोहर सिंह सिकरवार (अब सेवानिवृत्त) व सहायक आयुक्त आदिवासी विकास अमरनाथ के खिलाफ भी कार्रवाई किए जाने की बात कही। इनके समय में ही दोनों ने नौकरी के लिए आवेदन दिया था। इन्हें सहरिया होने के बाद भी नौकरी नहीं दी गई। मौजूदा जिला शिक्षा अधिकारी ममता चतुर्वेदी को भी कलेक्टर ने नोटिस देने की बात कही है। कमिश्नर बीएम शर्मा ने कहा, सहरिया परिवार के सदस्यों को नौकरी देने के लिए सरकार ने सारे नियम शिथिल कर रखे हैं, इसके बाद भी उन्हें नौकरी नहीं मिलना अफसरों की लापरवाही है। दोषी अफसरों पर कार्रवाई करेंगे, जो रिटायर हो चुके हैं, उनकी पेंशन रोकी जा सकती है। 

आत्मदाह की दी थी धमकी पुलिस में हो चुकी है शिकायत 
शिक्षा विभाग में नौकरी नहीं मिलने पर 50 फीसदी नि:शक्त रामनिवास ने तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी सिकरवार को आत्मदाह करने की धमकी दी थी। इसके बाद सिकरवार ने पुलिस थाने को पत्र लिखकर रामनिवास के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा था। इस पत्र की तलाश शुक्रवार को घाटीगांव व जिला शिक्षा अधिकारी दफ्तर में की गई, पर पत्र नहीं मिला। कलेक्टर ने इस तरह के घटनाक्रम की पुष्टि की है। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!