उज्जैन। लोकायुक्त पुलिस ( Lokayukta police ) ने दावा किया है कि उसने एक कार्रवाई के दौरान कृषि उपज मंडी ( Agricultural Produce Market ) के प्रभारी सचिव संजीव कुमार जैन को 12 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। जैन यह रिश्वत मंडी का लाइसेंस बनाने के नाम पर ले रहे थे। शिकायत व्यापारी दिनेश जायसवाल ने की थी।
उज्जैन से लोकायुक्त डीएसपी वेदांत शर्मा के नेतृत्व में टीम सुबह 11 बजे कृषि मंडी कार्यालय पहुंची। बाद में दिनेश जायसवाल को 12 हजार रुपए देकर मंडी सचिव के पास भेजा। दिनेश ने सचिव को रुपए देकर जैसे ही इशारा किया, लोकायुक्त टीम ने सचिव को धर दबोचा। टीम ने सचिव के पेंट की जेब से रुपए जब्त कर हाथ धुलवाए तो पानी का रंग गुलाबी हो गया। टीम ने मंडी सचिव संजीव कुमार को गिरफ्तार कर बाद में मुचलके पर रिहा कर दिया।
बाबू से भी पूछताछ करेगी टीम
लोकायुक्त डीएसपी शर्मा ने बताया मंडी सचिव द्वारा मोबाइल पर रिश्वत मांगने की रिकार्डिंग करने के बाद दिनेश को रुपए देकर भेजा था। बाबू राजेश वर्मा को इसलिए आरोपी बनाया क्योंकि मंडी सचिव संजीव कुमार जैन ने बाबू को लिप्त बताया है। अब बाबू राजेश से पूछताछ की जाएगी। कार्रवाई करने वाली टीम में लोकायुक्त पुलिस टीआई अंतिम पंवार, हेड कांस्टेबल आसिफ खान, पारस कुमार खत्री शामिल थे।
मंडी के बाबू का कमरा सील
लोकायुक्त की कार्रवाई से मंडी कार्यालय में हड़कंप मच गया। मंडी सचिव का कहना था दिनेश से जो रुपए उन्होंने लिए हैं, वह लाइसेंस बनाने के हैं। वे इसकी रसीद बनाने ही वाले थे कि लोकायुक्त ने उन्हें पकड़ लिया। मंडी सचिव ने मामले में स्थापना शाखा के बाबू राजेश वर्मा का भी नाम लिया, लेकिन मौके पर वर्मा नहीं मिले। मंडी सचिव ने बताया कि लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है जिसकी फाइल बाबू वर्मा के पास है। सचिव के इस बयान पर लोकायुक्त टीम ने बाबू के कक्ष में ताला तोड़कर अलमारियों की तलाशी भी ली, लेकिन फाइल नहीं मिली। शिकायककर्ता का कहना था कि उसकी फाइल हरे रंग की है। इस पर टीम ने तीन चार अलमारियां और खंगाली लेकिन फाइल नहीं मिली। टीम ने बाबू के कमरे को सील कर नोटिस चस्पा कर दिया।