भोपाल। कमलनाथ सरकार लोकसभा चुनाव के पहले सरकारी जमीन पर काबिज लोगों को पट्टे देने के लिए निर्धारित तारीख बढ़ाने के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने मप्र नगरीय क्षेत्रों में भूमिहीन व्यक्ति (पट्टाधृति अधिकारों का प्रदाय किया जाना) अधिनियम, 1984 में संशोधन किया था। इसमें तय किया था कि 31 दिसंबर 2014 के पहले से सरकारी जमीन पर कब्जा कर रह रहे लोगों को पट्टा दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सरकार इस समय सीमा को 31 दिसंबर 2018 करने की कवायद में जुटी है। इसके लिए ही अध्यादेश लाने पर विचार किया जा रहा है।
नगर निगम क्षेत्र में 45 वर्ग मीटर का पट्टा
नगर निगम क्षेत्र में 45 वर्ग मीटर, नगर पालिका में 60 वर्ग मीटर और नगर पंचायत क्षेत्र में 80 वर्ग मीटर से ज्यादा के भूखंड पर कब्जा नहीं दिया जाएगा। कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के पहले अपने वचन पत्र में भी इस तरह का वादा किया है। उसके अनुसार ऐसे आवासहीन जो नजूल की भूमि पर बसे हैं, उन लोगों को 450 वर्ग फीट तक का स्थायी पट्टा दिया जाएगा।
अतिक्रमण की प्रवृत्ति बढ़ी
इस तरह के फैसलों से सभी जगह अतिक्रमण की प्रवृत्ति बढ़ी है। सरकारी जमीन पर पट्टा वितरण के कारण राजधानी भोपाल को बहुत नुकसान हुआ है। अन्य शहरों में भी इसका असर पड़ा है।
देवीसरन, विशेषज्ञ, नगरीय प्रशासन
51 जिलों में 27000 से ज्यादा पट्टे बांटे गए
अधिनियम में संशोधन के बाद 51 जिलों में 27 हजार से ज्यादा पट्टे बांटे गए हैं। अध्यादेश आने के बाद फिर से सर्वे की कार्यवाही होगी। सर्वे सूची में केवल उन कब्जेदारों को शामिल किया जाएगा, जिनके पास उस स्थान पर रहने का कोई वैधानिक दस्तावेज होगा। इसके बिना जमीन का पट्टा नहीं मिलेगा। सूची को अंतिम रूप देने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।