नई दिल्ली। एक टीवी न्यूज चैनल ने स्टिंग ऑपरेशन के बाद दावा किया है कि अयोध्या में विवादित भूमि के आसपास कई कारसेवकों की लाशें दफन हैं। ये वो कारसेवक हैं जो 1990 में यहां आए थे और पुलिस के शूटआउट में मारे गए थे। करीब 28 साल बाद यह खुलासा हुआ है। बता दें कि इस घटना के समय उत्तरप्रदेश में मुलायम सिंह सरकार थी।
एक चैनल पर दिखाए जा रहे स्टिंग ऑपरेशन में इस खबर को दिखाया गया है। अयोध्या में 1990 में हुई पुलिस की गोलीबारी में कई कारसेवकों की मौत हुई थी। इस मामले में रामजन्म भूमि थाने के तत्कालीन एसएचओ वीर बहादुर सिंह के अनुसार कारसेवकों के मौत का जो आंकड़ा बताया गया, उससे कई ज्यादा कारसेवकों की मौत हुई थी। उन्होंने कहा, 'कारसेवकों की मौत का आंकड़ा कम दिखाने के लिए कई लाशें दफनाई गईं थी।'
घटना के बाद विदेश तक से आए थे कई पत्रकार
मीडिया में खबरों के मुताबिक सिंह ने कहा, 'इस घटना के बाद विदेश तक से पत्रकार आए थे। उन्हें हमने आठ लोगों की मौत और 42 लोगों के घायल होने का आंकड़ा बताया था लेकिन हमें सरकार को भी रिपोर्ट सौंपनी थी। इसलिए हम पता करने के लिए श्मशान घाट गए।
श्मशान घाट में सामने आए थे ये आंकड़े
उन्होंने कहा, 'श्मशान में हमने पता किया कि कितनी लाशों को दफनाया गया और कितनी लाशों का दाह संस्कार किया गया है, तो उन्होंने बताया कि 15 से 20 लाशें दफनाई गई हैं।
क्या हुआ था 1990 में
उस समय अयोध्या मामले को लेकर माहौल गरम था। राम मंदिर को लेकर कार सेवक आंदोलन कर रहे थे। यूपी में तब मुलायम सिंह यादव की सरकार थी। आंदोलनकारियों पर मुलायम सरकार ने गोली चलवा दी थी।