विश्वनाथ सिंह, इंदौर। ग्रेन एक्स इंडिया में देशभर से शामिल होने आए दाल के व्यापारियों ने रविवार को प्रदर्शनी के समापन अवसर पर एक बड़ा निर्णय लिया। इस दौरान उन्होंने तय किया कि सोमवार से वे सीधे उपभोक्ताओं को ही दालें बेचना शुरू कर देंगे।
इसके लिए उन्होंने दाल बेचने की न्यूनतम लिमिट भी पांच से घटाकर दो क्विंटल कर दी है। ऐसा पहली बार हुआ है जबकि देशभर से आए दाल व्यापारियों ने सीधे उपभोक्ताओं के बारे में सोचते हुए उन्हें लाभ पहुंचाने के लिए कोई निर्णय लिया हो। हालांकि दाल उद्यमियों के इस निर्णय से उपभोक्ताओं को दाल 15 रुपए प्रति किलो तक सस्ती मिलेगी। असल में न्यूनतम बिक्री की लिमिट घटाने से उद्योगों और आम उपभोक्ताओं के बीच से ब्रोकर हट जाएंगे। इसके कारण उपभोक्ताओं को सीधा फायदा होगा।
प्रदर्शनी के समापन अवसर पर एक परिचर्चा का आयोजन भी किया गया था। इसमें मुख्य रूप से ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, अकोला से रोहित अग्रवाल, अनिल सुरेका, जबलुपर से अनुग्रह जैन, गुलबर्गा कर्नाटक से देवानंद बिरादार और शिवकुमार मदणुनकी, दिल्ली के अनूप कुमार और एमएसएमई के निदेशक नीलेश त्रिवेदी मौजूद थे। व्यापारियों ने बताया कि वर्तमान में काफी अच्छी क्वालिटी की मशीनें आ गई हैं, जिससे दालें पूरी तरह से साफ हो जाती हैं।
दाल उद्योग पर मंडी टैक्स के बजाय लगे जीएसटी
एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल ने बताया कि दाल उद्योगों को मंडी टैक्स के कारण काफी परेशानी होती है। असल में देश के हर हिस्से में अलग-अलग मंडी टैक्स लगता है। महाराष्ट्र में 1 प्रतिशत, गुजरात में 1, राजस्थान में 1.6, यूपी में 2.50 और मप्र में 1.70 प्रतिशत मंडी टैक्स लग रहा है। यदि पूरे देश में सरकार मंडी टैक्स को हटाकर इसे जीएसटी में ले आए और दर 0.50 प्रतिशत एक समान कर दे तो इससे दाल व्यापार को काफी फायदा होगा।