नई दिल्ली। एक महिला कर्मचारी ( Female employees ) का प्रश्न था: मेरी बॉस एक महिला है। हमें अक्सर ऐसा लगता है कि वह अपनी बातें हम पर अकारण ही लादती हैं। हालांकि व्यवहारिक रूप से वह काफी संभ्रांत हैं। लेकिन उनका यह रवैया मेरी और मेरे साथियों की प्रोडक्टिविटी के आड़े आ रहा है। क्या करें ?
Dr. Rajendra Barve (साइकेट्रिस्ट, मुंबई) का कहना है कि हर बार व्यक्ति की सोच दबाने वाली या गलत हो ऐसा नहीं होता, जरूरत है सामने वाले के इन्टेंशन को समझने की। कई लोगों की आदत होती है कि वह अपनी बातों को दूसरों पर मढ़ने की कोशिश करते हैं। हालांकि हर बार उनका इरादा गलत हो ऐसा नहीं होता। हो सकता है कि आपकी बॉस भी ऐसी ही पर्सनैलिटी डिस्ऑर्डर ( Personality Disorder ) का शिकार हों। इसलिए उनकी बातों को बहुत ज्यादा दिल पर लेने की जरूरत नहीं है।
जब आप उनके शब्दों को दिल पर लेना बंद कर देंगे तो प्रोडक्टिविटी पहले की तरह हो जाएगी। वो बॉस के शब्दों से प्रभावित नहीं होगी। इस तरह के व्यवहार वाले लोग समाज में काफी पाए जाते हैं परंतु यदि वो उच्च पद पर होते हैं तो दूसरों को भी प्रभावित करते हैं। इस तरह के लोगों को यदि सीधे टोका, रोका या विरोध किया जाए तो ये मामले को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना सकते हैं, इसलिए बेहतर होता है कि जब माहौल कूल हो, इनका मूड अच्छा हो तब इनकी तारीफ करें और फिर सीधे से बताएं कि बस यह एक कमी है।