नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पुलवामा स्थित लेथपोरा में गुरुवार को हुए आत्मघाती आतंकवादी हमले के बाद 7, लोककल्याण मार्ग पर स्थित प्रधानमंत्री आवास में पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा पर कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की अहम बैठक हुई। इसमें रक्षा, गृह, वित्त, विदेश मंत्रियों समेत राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल शामिल हुए।
पाकिस्तान की करतूत दुनिया को बताएंगे
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, "पुलवामा में कल जो हमला हुआ उसमें जवानों की शहादत पर कैबिनेट कमेटी ने दो मिनट का मौन रखा। सीआरपीएफ जल्द ही शहीद जवानों के पार्थिव शरीर उनके परिवारों तक पहुंचाए जाएंगे। कुछ चीजें हैं जिनपर सीसीएस में चर्चा हुई। हम यहां आपको उसकी जानकारी नहीं दे सकते। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश करेंगे।
हम ऑल पार्टी मीटिंग बुलाएंगे ताकि मामले पर चर्चा की जा सके
इस आतंकी हमले में जिनका हाथ है, जल्द ही सबूतों के बल पर उनका किरदार को दुनिया के सामने लाएंगे। सुरक्षाबल कश्मीर की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए सभी कदम उठा रही है। जो भी इस घृणित हमले में शामिल हैं उन्हें इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। राजनाथ सिंह आज श्रीनगर जा रहे हैं। उनके लौटने के बाद हम ऑल पार्टी मीटिंग बुलाएंगे ताकि मामले पर चर्चा की जा सके। 1986 में भारत ने यूएन में एक प्रस्ताव भेजा था जो पारित नहीं हुआ, क्योंकि उसमें आतंकवाद की परिभाषा साफ नहीं है। हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस प्रस्ताव पारित करने की कोशिश करेंगे।
सबसे बड़ा फिदायीन हमला
जम्मू से श्रीनगर जा रही सीआरपीएफ की 78 गाड़ियों के काफिले पर आतंकियों ने फिदायीन हमला कर दिया था। इस काफिले में 2547 जवान शामिल थे। जैश-ए-मोहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली है। विस्फोटकों से भरी गाड़ी के जरिए अब तक का सबसे बड़ा हमला है। इससे पहले अक्टूबर 2001 में कश्मीर विधानसभा पर भी इसी तरह हमला हुआ था। इसमें 38 मौतें हुई थीं।