नई दिल्ली। पाकिस्तान परस्त आतंकवादियों के भारत पर हमले लगातार जारी हैं। गुरूवार को पुलवामा में सीआरपीएफ पर हमले के तत्काल बाद शुक्रवार को पाकिस्तान ने पुंछ में भारतीय सेना पर फायरिंग की थी और आज शनिवार को जम्मू कश्मीर के राजौरी में एक और धमाका कर दिया। इस हमले में भारतीय सेना का एक मेजर शहीद हो गया है। यह धमाका उस वक्त हुआ, जब मेजर आतंकियों की ओर से प्लांट किए गए आईईडी बम को डिफ्यूज करने का प्रयास कर रहे थे। राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर में एलओसी से करीब 1.5 किलोमीटर अंदर यह धमाका हुआ।
बता दें कि जम्मू कश्मीर में 14 फरवरी को बहुत बड़ा आतंकी हमला हुआ था। पुलवामा के गोरीपोरा इलाके में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकियों ने IED से हमला किया। जिसमें 42 जवान शहीद हो गए. आतंकी संगठन जैश-ए- मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। उरी के बाद इसे पहला इतना बड़ा हमला माना जा रहा है। IED से हुआ यह पहला हमला नहीं है। 2016 में पठानकोट इलाके पर हुए हमले में भी बहुत से लोग IED से घायल हुए थे।
क्या है ये IED और यह कितना खतरनाक है?
IED यानी इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस। यह एक तरह के बम होते हैं जो मिलिट्री के बमों से अलग तरीके से बनाए जाते हैं। इन्हें सड़क के किनारे लगाए जाने वाले बमों के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इन बमों को बहुत कामचलाऊ तरीके से बनाया जाता है। इसीलिए इनमें घातक, विषैले, पटाखे बनाने वाले और आग लगाने वाले केमिकल शामिल होते हैं। इन्हें इस तरह से बनाया जाता है कि इसपर पांव पड़ने या गाड़ी का पहिया पड़ने से ही ये फट जाते हैं। इनका इस्तेमाल विरोधियों को रोकने और तितर-बितर करने के लिए किया जाता है।