नई दिल्ली। पुलवामा हमले के दो दिन बाद शनिवार को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान सीमा से सटे राजस्थान के रेगिस्तान में ताकत दिखाई। मौका था युद्धाभ्यास वायुशक्ति 2019 के समापन का। इसमें एयरफोर्स के 140 एयरक्राफ्ट और अटैक हेलिकॉप्टर शामिल हुए। फाइटर पायलटों ने पोकरण फायरिंग रेंज में दुश्मन के काल्पनिक ठिकानों पर सटीक निशाना साधकर उन्हें ध्वस्त किया। वायुसेना ऐसा अभ्यास हर तीन साल में करती है।
एयरफोर्स चीफ बीएस धनोआ ने कहा, ''सरकार जैसा तय करे। वायुसेना दिन, रात और हर मौसम की विपरीत परिस्थितियों में किसी भी क्षेत्र में जाकर हमले के लिए तैयार है। दुश्मन हमसे सीधे युद्ध में कभी जीत नहीं सकता। हमारे पास स्ट्राइक पायलट हैं, जिनका निशाना बेहद सटीक है।'' सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकार ने सुरक्षा बलों को जवाबी कार्रवाई के लिए खुली छूट दे दी है। इसका वक्त, स्थान और समय सुरक्षा बल ही तय करेंगे। हालांकि, धनोआ ने भाषण में पुलवामा अटैक या पाकिस्तान का नाम नहीं लिया।
जनरल रावत और सचिन समापन में पहुंचे
अभ्यास के समापन के लिए दिन, शाम और रात का वक्त चुना गया। इसके लिए आठ अलग-अलग एयरबेस से लड़ाकु विमानों ने उड़ान भरी। इस मौके पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री को शामिल होना था, लेकिन गुरुवार को कश्मीर में सीआरपीएफ 40 जवानों की शहादत के चलते वे पोकरण नहीं पहुंच सके। हालांकि, सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत और वायुसेना के मानद कैप्टन सचिन तेंदुलकर अभ्यास के समापन में शामिल हुए।
इन एयरक्राफ्ट ने दिखाई ताकत
एक वायुसेना अधिकारी ने बताया कि वायुशक्ति अभ्यास पहले से तय था। इसमें एयरफोर्स की ताकत, मारक क्षमता और शार्ट नोटिस पर तैयार रहने को परखा गया। युद्धाभ्यास में पहली बार लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस, एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टर और आकाश मिसाइलों की ताकत दिखने को मिली। इसके अलावा सुखोई, मिराज, जगुआर, मिग-21, मिग-27, हरक्यूलिस, एएन-32 विमानों ने उड़ान भरी। इस मौके पर मिग-29 का अपग्रेड वर्जन भी ग्राउंड पर रखा गया था।