इस्लामाबाद। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव है। इस बीच, पाक पीएम इमरान खान ने भी भारत को खुली धमकी दी है। दरअसल, पुलवामा हमले के बाद इमरान पहली बार मीडिया के सामने आए थे और मंगलवार को बयान जारी किया था कि इस आतंकी साजिश में पाकिस्तान का हाथ नहीं है और वह आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के साथ बातचीत को तैयार है। हालांकि अब इमरान ने फेसबुक पर एक पोस्ट लिख भारत को खुली धमकी दी है।
इमरान ने लिखा है - 'हमसे ना टकराना।' इस पोस्ट में इमरान खान के पीछे पाकिस्तानी झंडा नजर आ रहा है। साथ ही पुलवामा हमले के संबंध में जारी उनके वीडियो संदेश की कुछ बातें लिखी हैं। जैसे - 'यदि भारत सोचता है कि वो पाकिस्तान पर हमले करेगा तो जवाब देने में हम विचार भी नहीं करेंगे।' 'हम सब जानते हैं कि जंग शुरू करना आसान है, लेकिन उसे खत्म करना मुश्किल है।'
इससे पहले दी थी यह गीदड़ भभकी
- जंग छेड़ना आसान है, लेकिन उसे खत्म करना मुश्किल।
- भारत सुबूत दे, हम कार्रवाई करेंगे। बदले की कार्रवाई की तो जवाब देंगे।
- कश्मीर में इस तरह की घटना क्यों हो रही है। इस पर सोचने की जरूरत है।
- युद्ध करना आसान है लेकिन उसे खत्म करना इंसान के बस की बात नहीं है। एक बार युद्ध शुरू होने के बाद अल्लाह जानता है कि क्या अंजाम होगा।
- पाकिस्तान इस पूरे में क्षेत्र में स्थायित्व चाहता है। हम यह हमला क्यों कराएंगे। हमें इससे फायदा क्या होगा।
- भारत में अभी चुनाव होने वाले हैं और पाकिस्तान पर दोष लगाने से वोट मिल जाएंगे।
- हम आतंक पर बात करने के लिए तैयार हैं। आतंकवाद से सबसे ज्यादा नुकसान पाकिस्तान को हुआ है।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिया था यह जवाब
- सुबूत मांगने की आदत पुरानी है। पठानकोट हमले और मुंबई हमले में तमाम सुबूत देने के बावजूद इन मामलों में कोई प्रगति नहीं हुई है।
- आतंकी संगठनों से रिश्ता नहीं होने का पाक का दावा भी काफी पुराना है।
- हद तो यह कि इमरान ने पुलवामा में शहीद हुए सैन्यकर्मियों पर कुछ नहीं कहा।
- हमले की जिम्मेदारी लेने वाले जैश एक मुहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर पाक में ही रहता है। यही उचित कार्रवाई के लिए पर्याप्त सुबूत है।
- जिस 'नए पाकिस्तान' का दावा किया जा रहा है उसमें कैबिनेट मंत्री हाफिज सईद जैसे आतंकी के साथ सार्वजनिक सभा करते हैं।
- वह आतंकवाद से पीड़ित नहीं है, बल्कि पूरी दुनिया जाती है कि पाक वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है।
- इसलिए वह बरगलाने की कोशिश के बजाय आतंकियों के खिलाफ सख्त व विश्वसनीय कार्रवाई करे।