नई दिल्ली। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ युद्ध की तैयारियां शुरू कर दीं हैं। अस्पतालों को इमरजेंसी अलर्ट पर ले लिया गया है ताकि युद्ध की स्थिति में घायल सैनिकों एवं नागरिकों को तत्काल चिकित्सा उपलब्ध कराई जा सके। पाकिस्तानी मीडिया में खबरें छपीं हैं कि सीमा पर युद्ध के लिए जरूरी सामग्री और हथियार भेजे जा रहे हैं।
जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने इमरान खान सरकार से कहा है कि भारत की तरफ से आ रहे दबाव के आगे झुकने की जरूरत नहीं है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने पुलवामा हमले की कड़ी आलोचना की। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि बलूचिस्तान में मौजूद पाक सेना और पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि भारत से युद्ध होने की स्थिति में तैयारी शुरू कर दें।
पाकिस्तान आर्मी के हेडक्वार्टर क्वेटा बेस लॉजिस्टिक्स एरिया (एचक्यूएलए) से जिलानी अस्पताल को 20 फरवरी को भेजे गए एक आदेश में कहा गया है कि भारत से जंग होने की स्थिति में मेडिकल सपोर्ट तैयार रखें। आदेश में साफतौर पर कहा गया है, "हम उम्मीद कर रहे हैं कि पूर्वी मोर्चे पर आपात युद्ध की स्थिति में घायल जवानों को सिंध और पंजाब के सिविल और मिलिट्री अस्पतालों से मदद मिलेगी। शुरुआती इलाज के बाद घायल जवानों को बलूचिस्तान के सिविल अस्पताल में भेजा जाएगा। यहां उन्हें तब तक रखा जाएगा जब तक सिविल मिलिट्री अस्पतालों में बिस्तरों की व्यवस्था नहीं हो जाती।" सिविल अस्पतालों को बिस्तरों की संख्या 25% तक बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
एलओसी पर इमरजेंसी लागू
वहीं, गुरुवार को पीओके सरकार ने नीलम, झेलम, रावलकोट, हवेली, कोटली और भिम्बर के नियंत्रण रेखा (एलओसी) से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए एडवायजरी जारी की। जंग की स्थिति में लोगों से मुस्तैद रहने के लिए कहा गया है। पीओके सरकार ने लोगों से कहा है कि जंग के वक्त सुरक्षित रास्तों से जाएं। एलओसी के पास रह रहे जिन लोगों ने बंकर नहीं बनाए हैं, उन्हें तुरंत तैयार कर लेना चाहिए। लोगों को रात में अनावश्यक रूप से लाइट भी नहीं जलाना चाहिए। एलओसी के पास भी न जाने को कहा गया है।
वैश्विक समुदाय भारत का सहयोग करे
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के बयान में कहा गया कि हम भारत पर किए गए आतंकी हमले की निंदा करते हैं। वैश्विक समुदाय को भारत सरकार का समर्थन करना चाहिए। सुरक्षा परिषद ने आतंकियों को मदद करने वाले, उन्हें फंड मुहैया कराने वालों रोकने की बात कही। साथ ही कहा कि हमले के जिम्मेदारों पर कार्रवाई करना चाहिए।