नई दिल्ली। जीएसटी लागू होते ही देश भर में त्राहि त्राहि का माहौल था। सरकार आम जनता को जीएसटी के फायदे समझाने में नाकाम रही और इस अवसर का लाभ कई व्यापारियों ने उठाया। कुछ दुकानदारों ने तो प्रिंटेड एमआरपी पर जीएसटी जोड़कर पैसे लिए। RelianceSMART ने भी मुनाफाखोरी की। कोलगेट के दाम जीएसटी के कारण 6 रुपए कम हो गए थे परंतु Reliance Retail ने इसका फायदा ग्राहकों को नहीं दिया बल्कि पुरानी महंगी कीमत पर ही बेचा। एक ग्राहक ने इस हरकत को पकड़ लिया और कंपनी को उपभोक्ता फोरम में घसीट ले गया। नतीजा फोरम ने कंपनी पर 10 हजार रुपए का जुर्माना ठोका एवं उपभोक्ता को 5500 रुपये वाद खर्च देने के आदेश भी दिए है।
मामला हरियाणा के रेवाड़ी का है। अधिवक्ता मोहित जैन ने बताया कि उनके मुवक्किल गांव जाटी निवासी पुरुषोत्तम ने 14 जुलाई 2017 को शहर के बीएमजी मॉल स्थित रिलायंस स्मार्ट से कोलगेट सहित अन्य सामान खरीदा था, जिसमें कोलगेट पर एमआरपी 52 रुपये दर्शाई हुई थी। 14 जुलाई को कंपनी के विज्ञापन में जीएसटी लागू होने के बाद कोलगेट की कीमत 46 रुपये दिखाई गई थी। स्टोर पर उपभोक्ता को जीएसटी का लाभ न देकर पुरानी कीमत ही वसूली गई थी।
अधविक्ता मोहित जैन ने 1 मई 2018 को कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर की। उन्होंने कहा कि देश में एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू कर दी गई थी, जिससे सभी उत्पादों के दाम प्रभावित हुए थे। कीमतों में हुई कमी व बढ़ोतरी का उपभोक्ता को भी लाभ मिलना चाहिए था, लेकिन रिलायंस स्मार्ट द्वारा पुरानी कीमत पर ही सामान बेचा गया। उन्होंने रिलायंस स्मार्ट, रिलायंस रिटेल लि. व कोलगेट कंपनी को पार्टी बनाया था। याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष एसबी लोहिया व डॉ. पीके सैनी ने रिलायंस स्मार्ट को ग्राहक से वसूले गए 6 रुपये वापस लौटाने के साथ-साथ दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।